मुंबई, 22 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सरकार ने शुक्रवार से देशभर में सभी मजदूरों और कर्मियों पर लागू होने वाले चार नए श्रम कोड सक्रिय कर दिए हैं। इससे पहले जहाँ 29 अलग-अलग श्रम कानून थे, उन्हें अब आवश्यक प्रावधान निकालकर चार सरल और समाहित नियमों में बदला गया है। इन नए नियमों का उद्देश्य हर कामगार को समय पर और ओवरटाइम वेतन, न्यूनतम मजदूरी, महिलाओं को बराबर अवसर और वेतन, सामाजिक सुरक्षा और फ्री हेल्थ चेक-अप जैसी सुविधाएँ देना है। एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत कर्मचारी को पांच साल की बजाय एक साल में ग्रेच्युटी का लाभ मिलने लगेगा।
सरकार का कहना है कि पुराने श्रम कानून 1930-1950 के दशक में बने थे, जब कामकाज, उद्योग और तकनीक आज जैसी नहीं थी। नए कोड आधुनिक आवश्यकताओं और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। इसीलिए पुराने 29 कानूनों को सरल बनाकर चार लेबर कोड में समाहित किया गया।
प्रधानमंत्री ने बताया बदलाव का लाभ
प्रति-प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि ये नए श्रम संहिताएँ विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम और समय पर वेतन, सुरक्षित कार्यस्थल और बेहतर अवसरों की मजबूत नींव रखेंगी। उन्होंने कहा कि ये बदलाव मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करेंगे और देश की आर्थिक वृद्धि को और तेज़ बनाएँगे।
नए लेबर कानूनों से मिलने वाली 10 बड़ी गारंटी -
- सभी मजदूरों को समय से न्यूनतम वेतन की गारंटी
- युवाओं को जॉब लेटर (अपॉइंटमेंट लेटर) देना अनिवार्य
- महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन और सम्मान
- देश के 40 करोड़ मजदूरों को सोशल सिक्योरिटी
- फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को सिर्फ 1 साल में ग्रेच्युटी का लाभ
- 40+ उम्र के हर कर्मचारी को साल में एक बार फ्री हेल्थ चेकअप
- ओवरटाइम करने पर दोगुना वेतन
- खतरनाक उद्योगों में 100% हेल्थ सिक्योरिटी
- अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सामाजिक न्याय की गारंटी
- PF, ESIC, बीमा और सामाजिक सुरक्षा का दायरा गिग वर्कर्स को भी मिलेगा
ट्रेड यूनियनों की प्रतिक्रियाएँ
दस प्रमुख लेबर यूनियनों के संयुक्त मंच ने इस फैसला निंदा के साथ प्रस्तुत किया कि यह कदम मालिकों का समर्थन करता है और मजदूर-विरोधी है। वहीं, एक प्रतिष्ठित मजदूर संघ ने इन सुधारों का स्वागत किया और इसे लंबे समय से जरूरत माना गया कदम बताया।
नए लेबर कोड से होने वाले प्रमुख लाभ -
- फिक्स्ड-टर्म स्टाफ को अब परमानेंट जैसे फायदे मिलेंगे—सोशल सिक्योरिटी, मेडिकल कवर, पेड लीव। ग्रेच्युटी के लिए सिर्फ एक साल का समय होगा।
- सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिलेगा, वेतन समय पर पहुंचेगा और अनधिकृत कटौतियाँ बंद होंगी।
- महिलाएं अब सभी शिफ्ट और जॉब रोल्स में काम कर सकेंगी, बराबर पेमेंट सुनिश्चित होगी।
- काम के घंटे सीमित होंगे—दैनिक 8-12 घंटे, साप्ताहिक 48 घंटे तक, ओवरटाइम पर दोगुना वेतन और लिखित सहमति जरूरी।
- सभी कामगारों को अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य होगा, जिससे नौकरियों में पारदर्शिता आएगी।
- गिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स कानूनी मान्यता पाएँगे—उनकी कमाई का एक प्रतिशत भलाई के लिए रखा जाएगा।
- जोखिमभरे उद्योगों में फ्री हेल्थ चेक-अप और सुरक्षा नियम अनिवार्य होंगे।
- सोशल सिक्योरिटी नेटवर्क पूरे देश में फैलेगा—MSME, खदानों व प्लेटफॉर्म श्रमिक सभी इसमें शामिल होंगे।
- डिजिटल व मीडिया श्रमिकों को भी सुरक्षा मिलेगी—वे अपॉइंटमेंट लेटर, वेतन सुरक्षा व दर्ज कामगार बनेंगे।
- कॉन्ट्रैक्ट, माइग्रेंट व अनौपचारिक श्रमिकों को स्थायी कर्मचारियों जितनी सुरक्षा मिलेगी—स्थानीय या अन्य स्थानों पर काम करें, सुविधा में अंतर नहीं होगा।