मुंबई, 22 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिकी राज्य डेलावेयर के बैंकक्रप्सी कोर्ट ने BYJU’S की सहायक कंपनी BYJU'S Alpha और लोन देने वाली अमेरिकी संस्था Glass Trust LLC द्वारा दायर याचिका के बाद BYJU’S के संस्थापक Byju Raveendran, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ, भाई रिजू रवींद्रन और अन्य पर लगभग 1 बिलियन डॉलर (लगभग 9 हजार करोड़ रुपए) से अधिक का जुर्माना लगाने का आदेश सुनाया है।
यह फैसला उस समय आया है जब BYJU’S ने 2021 में अमेरिकी बैंकों और ऋणदाताओं के ग्रुप से करीब 1.2 बिलियन डॉलर (लगभग 11 हजार करोड़ रुपए) का कर्ज लिया था, जिसे बाद में चुकाने में फेल रहने के कारण विवाद का कारण बना। BYJU’S अल्फा को इस ऋण के हिस्से के रूप में इस्तेमाल होने वाला कहा गया था, लेकिन लोन चुकाने में असमर्थ रहने के बाद अप्रैल 2024 में BYJU’S अल्फा ने संस्थापक और अन्य के खिलाफ 533 मिलियन डॉलर (लगभग 4,500 करोड़ रुपए) की धोखाधड़ी और चोरी का आरोप लगाया था।
BYJU’S की स्थापना 2011 में Byju Raveendran ने एक छोटे एजुकेशन प्लेटफॉर्म के रूप में की थी। इसके बाद 2015 में मोबाइल ऐप के लॉन्च के साथ यह तेजी से बढ़ा और कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा की बढ़ती मांग ने इसे आगे ले गया। एक समय यह भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्ट-अप बना, जिसकी वैल्यूएशन 2022 तक 22 बिलियन डॉलर तक पहुँच गई थी।
लेकिन 2022 के बाद कंपनी के लिए गिरावट की शुरुआत हो गई। भारी कर्ज, तेजी से विस्तार के दबाव, वित्त-वित्तीय रिपोर्टिंग में विलंब, ग्राहकों के रिफंड न मिलने की शिकायतें और पारदर्शिता को लेकर उठे सवालों ने BYJU’S को संकट में डाल दिया। 2023 तक स्थितियों ने विकट रूप धारण कर लिया: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विदेशी मुद्रा कानून उल्लंघन की जांच, ऑडिटर्स एवं बोर्ड सदस्यों के इस्तीफे, अमेरिकी ऋणदाताओं द्वारा दिवालियापन की मांग और कर्मचारियों में बर्खास्तगियों का दौर।
इस क्रम में 2024 तक BYJU’S की वैल्यूएशन शून्य के करीब आ गई। कानूनी जंग, कर्ज का बोझ और संचालन में अस्थिरता ने इसे अंदर-से कमजोर कर दिया। अब इस नवीनतम अमेरिकी कोर्ट के फैसले ने BYJU’S के संस्थापक और प्रबंधन पर भारी-भरकम जिम्मेदारी डाल दी है, और कंपनी की स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।।