ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में मंगलवार को हुआ पुलिस अभियान अब देश के इतिहास की सबसे बड़ी एंटी-क्राइम ऑपरेशनों में गिना जा रहा है। पुलिस और सैन्य बलों ने ड्रग तस्करी से जुड़े कोमांडो वर्मेलो गैंग (Comando Vermelho) के खिलाफ एक संयुक्त कार्रवाई की, जिसमें अब तक 64 लोगों की मौत और 81 संदिग्धों की गिरफ्तारी की पुष्टि हुई है। मारे गए लोगों में चार पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। यह ऑपरेशन केवल एक दिन की योजना नहीं थी — बल्कि इसे करीब एक साल पहले से तैयार किया जा रहा था। रियो राज्य सरकार के मुताबिक, इस मिशन का मकसद था उस ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त करना जो लंबे समय से शहर के उत्तर और पश्चिमी इलाकों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा था।
एक साल की गुप्त तैयारी, हजारों जवानों की तैनाती
रियो डी जेनेरियो की पुलिस के अनुसार, इस अभियान की रूपरेखा 2024 की शुरुआत में ही बना ली गई थी। इस दौरान 2,500 से अधिक सैनिकों और नागरिक पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया। कार्रवाई मंगलवार सुबह उस समय शुरू हुई जब सुरक्षाबलों ने गैंग के कब्जे वाले पेन्हा और मारे कॉम्प्लेक्स क्षेत्रों को घेर लिया। जैसे ही बलों ने इलाके में प्रवेश किया, अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। मुठभेड़ के बाद चार पुलिसकर्मियों की जान चली गई, जबकि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में 60 से अधिक अपराधियों को ढेर कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि 42 राइफलें, दर्जनों पिस्तौलें और भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किए गए हैं।
ड्रोन से हुआ पुलिस पर हमला
राज्य सरकार ने बताया कि अपराधियों ने इस बार तकनीकी हथियारों का भी इस्तेमाल किया। मादक पदार्थों के गिरोह ने ड्रोन के जरिए पुलिस बलों को निशाना बनाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्रोन से गिराए गए विस्फोटक पुलिस के वाहनों के बेहद करीब आकर फटते हैं। हालांकि, इसके बावजूद भी सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन जारी रखा और गैंग के कई ठिकानों को ध्वस्त किया। बताया जा रहा है कि कोमांडो वर्मेलो ने अपने ठिकानों को भूमिगत सुरंगों और इमारतों के अंदर छिपा रखा था, ताकि पुलिस उन्हें आसानी से पकड़ न सके।
गवर्नर ने बताया ‘आंतरिक युद्ध जैसी स्थिति’
रियो डी जेनेरियो के गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने कहा कि यह सिर्फ अपराध के खिलाफ लड़ाई नहीं, बल्कि एक “संगठित युद्ध जैसी चुनौती” है। उन्होंने कहा, “हम जिस दुश्मन से लड़ रहे हैं, वह अब केवल स्थानीय नहीं रहा। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठित नेटवर्क बन चुका है, जो दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में अपनी जड़ें जमा चुका है।” कास्त्रो ने मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह कार्रवाई ब्राजील में कानून के राज को बहाल करने के लिए जरूरी थी। उन्होंने दावा किया कि इस ऑपरेशन के बाद कई बड़े गैंग लीडरों की गिरफ्तारी से देश के ड्रग नेटवर्क की रीढ़ टूट जाएगी।
स्थानीय लोगों में दहशत, स्कूल और बाजार बंद
रियो के कई इलाकों में भारी फायरिंग और विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं, जिससे लोगों में अफरातफरी मच गई। सुरक्षा कारणों से आसपास के स्कूलों और बाजारों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। कई इलाकों में इंटरनेट और बिजली सेवाएं बाधित हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है और सुरक्षा बल अब भी फरार अपराधियों की तलाश में हैं।
ब्राजील में बढ़ती माफिया गतिविधियां चिंता का विषय
ब्राजील लंबे समय से ड्रग कार्टेल और गैंगवार की समस्या से जूझ रहा है। कोमांडो वर्मेलो जैसे गिरोहों की जड़ें 1970 के दशक में पड़ी थीं, और अब ये पूरे दक्षिण अमेरिका में फैले नेटवर्क के हिस्से बन चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में इनकी गतिविधियों ने न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी गहरा असर डाला है।
अपराध के खिलाफ ब्राजील की सबसे बड़ी जंग
रियो डी जेनेरियो में हुआ यह अभियान दिखाता है कि ब्राजील अब संगठित अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए आक्रामक रुख अपनाने को तैयार है। हालांकि इस अभियान में पुलिस को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह बलिदान देश में शांति और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।