मुंबई, 29 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) साल 2025 को इतिहास में उस मोड़ के रूप में याद किया जाएगा जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) केवल एक तकनीकी उपकरण न रहकर हमारी संस्कृति का अनिवार्य हिस्सा बन गया। फिल्मों से लेकर संगीत और सोशल मीडिया तक, AI ने हमारे मनोरंजन के तरीके को जड़ से बदल दिया है। यहाँ वे 8 प्रमुख तरीके हैं जिनसे AI ने इस साल पॉप कल्चर को प्रभावित किया:
1. मृत कलाकारों की 'डिजिटल वापसी'
इस साल AI तकनीक के जरिए उन महान कलाकारों को स्क्रीन और स्टेज पर वापस लाया गया जो अब हमारे बीच नहीं हैं। चाहे वह दिवंगत गायकों की आवाज में नए गाने हों या पुरानी फिल्मों के नायकों का डिजिटल अवतार, 2025 में 'डिजिटल पुनर्जन्म' एक बड़ा ट्रेंड रहा।
2. 'AI स्लॉप' और इंटरनेट पर कचरे की बाढ़
सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर 'AI स्लॉप' (AI-generated slop) का बोलबाला रहा। बिना किसी मानवीय मेहनत के तैयार किए गए ये बेतुके वीडियो और इमेज न केवल वायरल हुए, बल्कि उन्होंने असली क्रिएटर्स के लिए जगह कम कर दी। इसे 'ब्रेन रॉट' कंटेंट का नाम भी दिया गया।
3. संगीत उद्योग में 'वॉयस क्लोनिंग' का विवाद
2025 में ऐसे कई गाने हिट हुए जिनमें मशहूर गायकों की आवाजों को क्लोन किया गया था। इसने कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा (IP) के अधिकारों पर एक नई वैश्विक बहस छेड़ दी है।
4. हॉलीवुड में AI पटकथा लेखक और निर्देशक
फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखने से लेकर विजुअल इफेक्ट्स तैयार करने तक, AI ने फिल्म निर्माण की लागत को काफी कम कर दिया है। 'धुरंधर' जैसी फिल्मों की सफलता ने दिखाया कि कैसे AI का इस्तेमाल पुराने दौर की यादों को ताजा करने के लिए किया जा सकता है।
5. व्यक्तिगत AI इन्फ्लुएंसर्स (Virtual Humans)
अब इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर केवल इंसान ही स्टार नहीं हैं। 2025 में ऐसे कई 'वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स' उभरे जो पूरी तरह AI द्वारा बनाए गए हैं, लेकिन उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं और वे बड़े ब्रांड्स के साथ विज्ञापन कर रहे हैं।
6. कस्टमाइज्ड गेमिंग अनुभव
वीडियो गेम्स में अब खिलाड़ी की पसंद के हिसाब से कहानियां और संवाद AI द्वारा रियल-टाइम में बदले जा रहे हैं। इससे हर खिलाड़ी को एक अनोखा और व्यक्तिगत गेमिंग अनुभव मिल रहा है।
7. डीपफेक और चुनावी पॉप कल्चर
दुनिया भर में हुए चुनावों के दौरान डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल न केवल राजनीति के लिए, बल्कि पैरोडी और मीम्स बनाने के लिए भी जमकर हुआ। इसने 'सच' और 'झूठ' के बीच के अंतर को धुंधला कर दिया है।
8. शिक्षा और सीखने के नए तरीके
पॉपुलर कल्चर का हिस्सा बन चुके एडु-टेक (Edu-tech) में AI ने शिक्षकों की जगह व्यक्तिगत 'ट्यूटर्स' ले ली है, जो बच्चों को उनकी पसंदीदा कॉमिक या मूवी कैरेक्टर की आवाज में पाठ पढ़ाते हैं।
निष्कर्ष: विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 ने यह साबित कर दिया है कि AI अब भविष्य की बात नहीं, बल्कि वर्तमान की हकीकत है। जहाँ इसने रचनात्मकता के नए द्वार खोले हैं, वहीं मौलिकता (Originality) पर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं।