नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के मौसम में बीते 24 घंटों में एक मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य बदलाव दर्ज किया गया है। हवा की गति लगभग 8 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 12 किमी प्रति घंटा हो गई है, जिससे दिन में धूप होने के बावजूद लोगों ने हल्की ठंडक महसूस की। हालांकि तापमान में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है, लेकिन मौसम विभाग ने आज, बुधवार से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट की उम्मीद जताई है।
आज का मौसम पूर्वानुमान और आगामी सप्ताह
आज, 26 नवंबर को न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने और विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने की संभावना है। रात के दौरान ठंडी हवाएं चलती रहेंगी, जिससे रात का पारा और नीचे जा सकता है। दिन में धूप की तीव्रता पिछले दिनों की तुलना में थोड़ी कम रहेगी। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, 26 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच मौसम में धीरे-धीरे बदलाव आएगा और 29 नवंबर से तापमान में फिर बढ़ोतरी शुरू हो सकती है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि का अनुमान है। इसका सीधा मतलब है कि दिसंबर की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ नहीं होगी और 1 दिसंबर तक मौसम लगभग सामान्य बना रहेगा।
वायु गुणवत्ता: प्रदूषण बनी हुई है गंभीर चिंता
तापमान के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (AQI) भी एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई अभी भी 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है।
इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, खासकर संवेदनशील समूहों के लिए।
देश के 60% जिलों में PM 2.5 का स्तर भारतीय मानकों से अधिक
देश भर में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 60% जिलों में सालाना पीएम 2.5 का स्तर भारतीय मानकों से अधिक पाया गया है। देश के 749 जिलों में से 447 जिले निर्धारित सीमा से ऊपर हैं।
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की सैटेलाइट डेटा पर आधारित रिपोर्ट बताती है कि गंगा के मैदानी क्षेत्र देश का सबसे प्रदूषित बेल्ट है। सबसे प्रदूषित 50 जिलों की सूची में दिल्ली और असम के 11-11 जिले शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का सालाना पीएम 2.5 स्तर 101 $mgcm$ तक पहुंच गया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से लगभग 20 गुना अधिक है। इसके अलावा, त्रिपुरा, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और चंडीगढ़ के सभी जिलों में भी मॉनसून को छोड़कर पूरे साल प्रदूषण मानकों से ऊपर ही रहता है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करें और खासकर सुबह के समय, जब कोहरा और प्रदूषण का स्तर अधिक हो सकता है, बाहरी गतिविधियों से बचें।