केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हित में एक बेहद अहम और राहत भरा फैसला लिया है। अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को चुनने वाले कर्मचारियों को भी वैसी ही टैक्स छूट और लाभ मिलेंगे, जो अभी तक केवल नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत ही दिए जा रहे थे। इसके साथ ही UPS को अपनाने की समयसीमा भी 30 जून 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दी गई है। यह समय विस्तार न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों और मृतक पेंशनर्स के जीवनसाथी के लिए भी लागू होगा।
UPS स्कीम क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से अपनी सिविल सेवाओं में एनपीएस के एक विकल्प के रूप में लागू किया है। UPS के तहत सरकार कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का कुल 18.5% योगदान करती है, जबकि कर्मचारी को 10% योगदान देना होता है। UPS का उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एक सुनिश्चित और स्थिर पेंशन देना है। यह स्कीम पारंपरिक और लाभ-आधारित मॉडल पर केंद्रित है, जो अधिक सुरक्षा देने वाली मानी जा रही है।
जहां एनपीएस निवेश आधारित है और उसका रिटर्न बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है, वहीं UPS एक निश्चित पेंशन स्कीम है, जिसमें सरकार की ओर से अधिक योगदान होता है और रिटायरमेंट के बाद फिक्स पेंशन का लाभ मिलता है।
एनपीएस से यूपीएस में स्विच करने का विकल्प
इस फैसले का सबसे बड़ा लाभ उन केंद्रीय कर्मचारियों को होगा जो वर्तमान में एनपीएस के अंतर्गत आते हैं। उन्हें अब एक बार का मौका दिया गया है कि वे चाहें तो UPS को चुन सकते हैं। हालांकि, यह विकल्प पूरी तरह से स्वैच्छिक है, यानी कोई भी कर्मचारी चाहें तो NPS में ही रह सकते हैं।
सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि UPS को चुनने वाले कर्मचारियों को अब वही टैक्स लाभ मिलेंगे जो अभी तक केवल NPS के अंतर्गत दिए जा रहे थे। इसमें टीडीएस (TDS) से छूट, निवेश पर टैक्स डिडक्शन और पेंशन राशि पर टैक्स राहत शामिल है।
केवल एक बार मिलेगा मौका
यह महत्वपूर्ण है कि इस विकल्प को चुनने का मौका कर्मचारियों को सिर्फ एक बार मिलेगा। यानी 30 सितंबर 2025 तक आपको UPS को चुनने का निर्णय लेना होगा, इसके बाद यह विकल्प बंद हो जाएगा। इसलिए कर्मचारियों को इस विषय पर पूरी समझदारी और योजना के साथ फैसला लेना होगा।
UPS को अपनाने वाले कर्मचारियों को न सिर्फ अधिक स्थायित्व मिलेगा, बल्कि सरकार के अधिक योगदान से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की स्थिति भी बेहतर होगी। खासकर वे कर्मचारी जो एक सुनिश्चित पेंशन की तलाश में हैं, उनके लिए UPS एक भरोसेमंद विकल्प बनकर सामने आया है।
फैसले का असर
वित्त मंत्रालय के इस कदम से पेंशन योजनाओं के बीच असमानता खत्म होगी और कर्मचारियों को बेहतर विकल्प मिलेंगे। इससे केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को दीर्घकालिक लाभ मिलेंगे और भविष्य में पेंशन योजनाओं को लेकर स्पष्टता भी बढ़ेगी।
कुल मिलाकर, यह निर्णय सरकार और कर्मचारियों दोनों के लिए फायदेमंद है। UPS को टैक्स लाभ मिलने से यह स्कीम ज्यादा आकर्षक बन गई है और अब कर्मचारियों को यह तय करने में सहूलियत होगी कि उनके लिए कौन-सी पेंशन योजना बेहतर है—स्थिरता वाली UPS या बाजार आधारित NPS।
निष्कर्ष:
यूनिफाइड पेंशन स्कीम को टैक्स लाभ और विकल्प की समयसीमा बढ़ाने का केंद्र सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों को राहत देगा बल्कि उन्हें भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने का भी अवसर देगा। अब कर्मचारियों के पास पेंशन प्लान चुनने के लिए अधिक समय और जानकारी दोनों मौजूद हैं।