उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में दो कथावाचकों—मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव के साथ हाल ही में हुई बदसलूकी की घटना ने काफी चर्चा बटोरी। इस मामले ने धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में हलचल मचा दी थी। लेकिन इसके बाद एक नया विवाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के चलते सामने आया, जिसमें एक कथावाचक भगवान हनुमान जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता नजर आ रहा है। दावा किया गया कि यह कथावाचक वही मुकुट मणि यादव हैं। इस दावे के चलते सोशल मीडिया पर उन्हें घेरा जाने लगा। लेकिन जब इसकी फैक्ट चेकिंग की गई, तो सच्चाई कुछ और ही निकली।
क्या है वायरल वीडियो में?
इस वीडियो में एक कथावाचक मंच पर बैठकर भगवान हनुमान जी पर आपत्तिजनक और विवादित टिप्पणी करता दिख रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और इसके साथ दावा किया जाने लगा कि यह व्यक्ति मुकुट मणि यादव हैं, जो इटावा से संबंध रखते हैं और हाल ही में बदसलूकी का शिकार हुए थे।
फैक्ट चेक में क्या सामने आया?
ब इस वायरल वीडियो की जांच-पड़ताल की गई, तो कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए:
वीडियो पर था 'RV Videos' का लोगो
वीडियो को ध्यान से देखने पर उसमें ‘RV Videos’ नाम का एक लोगो दिखा, जिससे इसकी मूल स्रोत की पहचान संभव हुई। इस नाम से जुड़ा यूट्यूब चैनल तलाशने पर सामने आया कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति हेमराज सिंह यादव हैं, जो सीतापुर के रहने वाले हैं और कथावाचक हैं।
यूट्यूब पर उपलब्ध है पुराना वीडियो
RV Videos नामक यूट्यूब चैनल पर 26 अप्रैल 2022 का एक वीडियो मिला, जिसमें हेमराज सिंह यादव बिल्कुल उसी मंच और वेशभूषा में वही बातें कर रहे हैं, जो वायरल वीडियो में थीं। इससे यह साफ हो गया कि वीडियो पुराना है और उसमें दिखाई देने वाला कथावाचक हेमराज सिंह यादव हैं।
फेसबुक प्रोफाइल से हुई पुष्टि
इसके बाद हेमराज सिंह यादव का फेसबुक अकाउंट भी जांचा गया, जिसमें उनके दर्जनों कथा प्रसंग और मंचन के वीडियो मौजूद थे। वायरल वीडियो में दिख रहा मंच, वस्त्र और बोलने का लहजा उन्हीं से मेल खाता था।
फोटो तुलना से हुआ सत्यापन
जांच के आखिरी चरण में मुकुट मणि यादव की तस्वीर और हेमराज यादव की तस्वीर की तुलना की गई। दोनों की शारीरिक बनावट, पहनावा और चेहरे के हाव-भाव में साफ अंतर था, जिससे स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मुकुट मणि यादव नहीं हैं।
निष्कर्ष: वायरल दावा ग़लत है
फैक्ट चेकिंग के अनुसार यह साफ हो चुका है कि:
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वीडियो में हनुमान जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मुकुट मणि यादव नहीं हैं।
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वीडियो 2022 का है और इसमें दिख रहा कथावाचक हेमराज सिंह यादव (सीतापुर) हैं।
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वायरल दावा पूरी तरह भ्रामक है और सोशल मीडिया पर गलत जानकारी के आधार पर फैलाया जा रहा है।
क्या है इससे सबक?
आज के डिजिटल युग में गलत सूचना, अफवाह और फेक न्यूज़ तेजी से फैलती है। खासकर जब मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हो, तो स्थिति और भी संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि:
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किसी भी वीडियो या खबर पर तुरंत विश्वास न करें।
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पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
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बिना पुष्टि के किसी पर झूठा आरोप न लगाएं, क्योंकि इससे किसी की मानहानि हो सकती है।
जिम्मेदार सोशल मीडिया उपयोग की ज़रूरत
आज सोशल मीडिया एक ताकतवर मंच बन चुका है, लेकिन इसी मंच पर अफवाह फैलाना भी आसान हो गया है। फर्जी आरोप या गलत पहचान से किसी की छवि और जीवन दोनों खतरे में आ सकते हैं। ऐसे में उपयोगकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे:
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पोस्ट करने से पहले फैक्ट चेक करें।
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सरकारी या विश्वसनीय मीडिया संस्थानों से ही जानकारी लें।
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भ्रामक सामग्री की रिपोर्ट करें और दूसरों को भी सतर्क करें।
अंतिम बात
इटावा के कथावाचक मुकुट मणि यादव पहले ही एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का सामना कर चुके हैं। उन पर झूठा आरोप लगाना और उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल करना न केवल अनुचित है, बल्कि कानूनन दंडनीय भी हो सकता है। इस प्रकरण से हमें यह सीखना चाहिए कि जिम्मेदार और संवेदनशील डिजिटल नागरिक बनना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।