Afghanistan, 23 Feb (News Helpline) तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों के माध्यमिक स्कूलों को फिर से खोलने के कुछ ही घंटों बाद अचानक बंद करने का आदेश दे दिया। कट्टरपंथी इस्लामी समूह द्वारा नीति उलटने पर अब भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। समाचार एजेंसी एएफपी ने जब तालिबान के प्रवक्ता इनामुल्लाह समांगानी से इस बारे में पूछा कि क्या लड़कियों को स्कूलों से घर जाने का आदेश दिया गया है तो उन्होंने कहा, "हां, यह सच है" एएफपी की एक टीम जरघोना हाईस्कूल के पास वीडियो बना रही थी, तब एक शिक्षक ने सभी छात्राओं को घर जाने का आदेश दिया।
पिछले साल अगस्त में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद पहली बार कक्षा में वापस आईं छात्राओं ने अपना बस्ता समेटा और आंसुओं के साथ घर की ओर लौट गईं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने नए तालिबान शासन की सहायता और मान्यता पर बातचीत में सभी के लिए शिक्षा के अधिकार को बातचीत के मुख्य बिंदु में रखा है। तालिबान के प्रवक्ता समांगानी ने तत्काल स्कूलों को बंद करने का कारण नहीं बताया।
इस बीच शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता अजीज अहमद रायन ने कहा, "हमें इस पर टिप्पणी करने की इजाजत नहीं है"। काबुल में उमरा खान गर्ल्स स्कूल की टीचर पलवाशा ने कहा, "मैंने अपनी छात्राओं को रोते हुए और कक्षाएं छोड़ने के लिए अनिच्छुक देखा। लड़कियों को रोते हुए देखना बहुत ही दर्दनाक है"।
संयुक्त राष्ट्र की दूत डेब्राह लियोन्स ने स्कूलों को बंद करने की रिपोर्ट को "परेशान" करने वाला बताया। उन्होंने ट्वीट किया, "अगर सच है, तो संभवतः क्या कारण हो सकता है?" पिछले साल जब तालिबान ने सत्ता संभाली थी, तब कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद थे, लेकिन दो महीने बाद केवल लड़कों और छोटी लड़कियों की कक्षाएं फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी।