Russia, 2 Feb (News Helpline) अफगानिस्तान की स्थिति पर रूस और भारत की स्थिति कई मायनों में एक जैसी है और काबुल में मौजूदा व्यवस्था को मान्यता देने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी, ऐसा एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी ने मंगलवार को कहा है।
रूस के विदेश मामलों के उप मंत्री (DFM) राजदूत सर्गेई वासिलीविच वर्शिनिन ने भी कहा कि अफगान लोगों को मानवीय सहायता भेजी जानी चाहिए और यह नई दिल्ली और मॉस्को दोनों द्वारा प्रदान की जा रही है। बता दें कि वर्शिनिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोनों देशों के बीच सहयोग पर एक बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे।
“रूसी और भारतीय रुख (अफगानिस्तान पर) कई मायनों में समान हैं। लेकिन इस बात पर साफ हैं कि अब काबुल में मौजूदा सरकार को मान्यता देने की बात करना जल्दबाजी होगी।
वर्शिनिन कहते हैं कि "हम उम्मीद करते हैं कि मौजूदा अफगान लीडरशिप अपने दायित्वों को पूरा करेगा, खास कर के सरकार की इन्क्लूसिविटी के संबंध में और मानवाधिकार क्षेत्र सहित अन्य उपायों के संबंध में भी।
विदेश मामलों के रूसी उप मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अफगानिस्तान में 20 वर्षों तक अमेरिकी बलों और उनके सहयोगियों की उपस्थिति के परिणामस्वरूप उस देश में हाल की स्थिति पैदा हुई है। बता दें कि अगस्त में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
वर्शिनिन ने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा है कि "यह साफ़ है कि अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए, और यह हम और भारत दोनों द्वारा प्रदान की जा रही है। और इसे जारी रखा जाना चाहिए।"