मुंबई, 16 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। G20 समिट के दूसरे दिन इंडोनेशिया ने G20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी। भारत 1 दिसंबर से नई दिल्ली में G-20 समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। दिसम्बर 2022 में इसका इनॉगरल उदयपुर में होगा। राजस्थान के तीन शहर इस बार इस समूह की मेजबानी करेंगे। उदयपुर और जोधपुर के साथ जयपुर में भी कॉन्फ्रेंस होंगी। G20 कनक्लूडिंग सेरेमनी के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय चर्चा हुई। इस दौरान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बातचीत भी हुई। PM मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ बैठक करेंगे। ब्रिटिश PM सुनक से दोनों देशों के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत करेंगे। इस मुलाकात में बाइलैटरल रिलेशन्स को लेकर तय रोडमैप 2030 पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत की G20 अध्यक्षता समावेशी और महत्वाकांक्षी होगी। अगले एक साल में हमारा प्रयास रहेगा कि G20 सामूहिक कार्रवाई को गति देने के लिए ग्लोबल प्राइम मूवर के रूप में काम करे। दुनिया को G20 से उम्मीद है। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। भारत 1 दिसंबर से G20 की अध्यक्षता करेगा। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कई टेक इनोवेशन हमारे युग के बड़े ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन गए हैं। गरीबी से लड़ने में टेक्नोलॉजी ने काफी मदद की है। डिजिटल सॉल्यूशन जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं।
PM मोदी समेत G20 में शामिल सभी नेता बाली के मैंग्रोव फॉरेस पहुंचे। इस दौरान G20 लीडर्स मैंग्रोव फॉरेस्ट में जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करने वाले पौधे लगाए। क्लाइमेट चेंच यानी जलवायु परिवर्तन हाल के समय में बहुत ही गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है। 2022 में इंग्लैंड और पूरे यूरोप में लोग गर्मी से बेहाल रहे। पाकिस्तान में भारी बारिश से बाढ़ आ गई। भारत में पहले हीटवेव से फसलों को नुकसान हुआ। अमेरिका में भी भीषण गर्मी से जंगलों में आग लगी गई, दूसरी तरफ बारिश से बाढ़ आ गई। माना जा रहा है इस सबके पीछे जलवायु परिवर्तन ही है। हाल ही में भारत ने ग्लोबल मैंग्रोव अलायंस में शामिल होने की घोषणा की थी। ये अलायंस इंडोनेशिया और UAE ने बनाया है। मैंग्रोव तटीय जंगल हैं जो साइक्लोन और स्टॉर्म के प्रभावों को कम करते हैं। इसके अलावा ये ज्यादा कार्बन एमिशन को ऐब्जार्ब करते हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए G20 लीडर्स ने यहां पौधा लगाए हैं।