Ukraine, 15 March (News Helpline) भारत ने एक बार फिर यूक्रेन में लड़ाई को रोकने की अपील की है, और मास्को और कीव से अपनी शत्रुता को कूटनीतिक बातचीत के माध्यम से हल करने का आग्रह किया, न कि हिंसा से।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि दिल्ली इस संबंध में रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संपर्क में रही है और रहेगी। आर रवींद्र ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान कहा, “हम शत्रुता को रोकने के लिए सीधे संपर्क और बातचीत का आह्वान करते हैं। भारत इस संबंध में रूसी संघ और यूक्रेन दोनों के संपर्क में है और आगे भी बना रहेगा।"
भारतीय दूत ने रूसी-यूक्रेनी संघर्ष के कारण दोनों पक्षों के मानव जीवन पर होने वाले गंभीर नुकसान पर चिंता व्यक्त की, साथ ही एक गंभीर मानवीय संकट के पैदा होने पर भी जोर दिया। आर रवींद्र ने कहा, “भारत यूक्रेन में सभी शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता रहा है। हमारे पीएम ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है और बातचीत और कूटनीति के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।" रवींद्र ने कहा कि भारत ने यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों से अपने नागरिकों को निकालने के लिए इंटेंसिव और तत्काल कदम उठाए हैं। रवींद्र के बताये जाने के मुताबिक अब तक देश में 22,500 भारतीय दश लौट चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए रवींद्र ने जोर दिया कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए "मध्यस्थता के प्रयासों" पर भारत और कई अन्य देशों के साथ "निकट संपर्क" में थे।
हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन में एक "विशेष सैन्य अभियान" की घोषणा की और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास के अच्छे परिणाम नहीं होंगे।