मुंबई, 26 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कनाडा में इंडियन कॉन्स्यूलेट के बाहर खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शन पर भारत सरकार ने नई दिल्ली में मौजूद कनाडाई हाई कमिशनर को तलब किया। विदेश मंत्रालय ने उनसे पूछा, अगर वहां सिक्योरिटी मौजूद थी तो प्रदर्शनकारी मिशन की बिल्डिंग तक कैसे पहुंचे? इस लापरवाही पर भारत को सख्त ऐतराज है। दरअसल, 19 मार्च को कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय मिशन के बाहर प्रदर्शन किया था। इसकी वजह से भारतीय हाई कमीशन को अपना एक इवेंट कैंसिल करना पड़ा था। यह कार्यक्रम सरे में ताज पार्क कन्वेंशन सेंटर में कनाडा में भारतीय दूत संजय कुमार वर्मा को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया जा रहा था। प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने एक भारतीय मूल के पत्रकार पर भी हमला किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, भारत सरकार ने कनाडा से जवाब मांगा है। हमने पूछा है कि पुलिस के मौजूद होते हुए भी खालिस्तानी समर्थक हमारे डिप्लोमैटिक मिशन और कॉन्स्यूलेट तक कैसे पहुंच गए। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार हमारे डिप्लोमैट्स और मिशन की सुरक्षा को लेकर जरूरी कदम उठाएगी। बागची ने कहा, हमने कनाडा की सरकार को वियना कन्वेंशन के तहत उनकी जिम्मेदारियां याद दिलाई हैं। हमने उन्हें ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा है जो पहले से ही ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उम्मीद है कि कनाडा सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।
वहीं बीते दिन भी वॉशिंगटन में खालिस्तानी समर्थकों का प्रदर्शन कवर कर रहे एक भारतीय जर्नलिस्ट ललित झा के साथ बदतमीजी की गई। झा ने ट्विटर पर पूरी घटना का विडियो भी शेयर किया, जिसमें खालिस्तानी समर्थक भारत सरकार को गाली देते नजर आ रहे हैं। झा ने बताया कि खालिस्तान समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो छड़ी भी मारीं। इससे पहले कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा था- हम पंजाब के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में एक सवाल का जवाब देते हुए मेलानी के कहा, हमें उम्मीद है कि जल्दी ही सब सामान्य हो जाएगा। कनाडा सरकार हमेशा अपने नागरिकों और हर समुदाय के हितों के लिए काम करती रहेगी।
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लंदन के बाद अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भी इंडियन कॉन्स्यूलेट पर हमला किया गया था। 19 मार्च को यहां भी खालिस्तान समर्थक जुटे। इन लोगों ने स्प्रे पेंट्स से अमृतपाल को रिहा करो, लिख दिया। इन लोगों ने कॉन्स्यूलेट के गेट तोड़ दिए। वहां खालिस्तान के झंडे लगा दिए। भारतीय अमेरिकियों ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।