मुंबई, 18 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ब्रिटेन सरकार ने अपने पूर्व मिलिट्री पायलट्स को स्पेशल वॉर्निंग जारी की है। इसमें कहा गया है कि रॉयल ब्रिटिश एयरफोर्स के रिटायर्ड पायलट चीन में नौकरी के लिए न जाएं। इस मामले का खुलासा पिछले दिनों हुआ था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सरकार और वहां की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ब्रिटेन के पूर्व पायलटों को बहुत मोटी सैलरी पर जॉब दे रही है। इन पूर्व पायलटों का काम चीन की एयरफोर्स के पायलटों को ट्रेनिंग देना है। लेकिन, ब्रिटिश खुफिया एजेंसी मानती हैं कि चीन की इस चाल का मकसद वेस्टर्न फाइटर एयरक्राफ्ट्स के ऑपरेशन्स को समझना है। इसके अलावा वो मिलिट्री सीक्रेट्स भी हासिल करना चाहती है। इस काबिलियत का इस्तेमाल ताइवान पर हमले के लिए किया जा सकता है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों की नजर पिछले महीने इस मामले पर गई। एजेंसीज को खबर मिली कि ब्रिटेन के पूर्व पायलट फिर से चीन जाने लगे हैं। इस बारे में डिफेंस मिनिस्ट्री को जानकारी दी गई। हाईएस्ट लेवल पर तमाम हालात को समझा गया। इसके बाद सरकार ने पूर्व पायलटों को वॉर्निंग या कहें अलर्ट जारी किया। इस बारे में ब्रिटेन सरकार ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि अब तक 30 पूर्व ब्रिटिश फाइटर पायलट चीनी एयरफोर्स के पायलटों को ट्रेनिंग देने के लिए पहुंच चुके हैं। यह सिलसिला 2019 में शुरू हुआ था। हालांकि, इसके बाद कोरोना का दौर शुरू हो गया और चीन जाना मुश्किल हो गया। इसी वजह से रिक्रूटमेंट को रोक दिया गया। साथ ही BBC के मुताबिक, जिन पायलटों को नौकरी का ऑफर दिया जा रहा है या जिन्हें जॉब दी गई हैं, उन्हें करीब 2.21 करोड़ रुपए सैलरी दी जा रही है। बाकी अलाउंस अलग हैं। ज्यादातर पायलट 50 साल से ऊपर हैं और उन्हें रिटायर हुए काफी वक्त हो चुका है। ब्रिटिश डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन ने माना कि सरकार को इस बारे में जानकारी है। इस प्रवक्ता ने कहा- हां, हमें चीन की साजिश के बारे में जानकारी है, लेकिन इन पायलट्स ने न तो कोई कानून तोड़ा है और न ही सीक्रेसी एक्ट का उल्लंघन किया है। लिहाजा, उन्हें सावधान ही किया जा सकता है।