मुंबई, 1 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत और चीन सीमा विवाद के बाद अब पत्रकारों को दिए जाने वाले वीजा के मसले पर आमने सामने आ गए हैं। चीन ने भारत पर उसके पत्रकारों के वीजा रिन्यू नहीं करने के आरोप लगाते हुए सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों ने एक दूसरे के पत्रकारों को अपने अपने देश से बाहर कर दिया है। इसके चलते 1980 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत में चीन का कोई भी पत्रकार नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने चीन की स्टेट न्यूज एजेंसी शिनहुआ और ब्रोडकास्टर CCTV के दो पत्रकारों का वीजा रिन्यू करने से इनकार कर दिया था। बीते दिन चीन के विदेश मंत्रालय ने भी ये दावा किया है।
चीन ने भारत पर उसके पत्रकारों से भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा- मैं सिर्फ यही कह सकती हूं कि काफी लंबे समय से चीन के मीडिया कर्मियों के साथ भारत में भेदभाव हो रहा था। निंग ने आगे कहा- 2017 में भी भारत ने कोई वजह बताए बिना चीन के पत्रकारों के वीजा के समय को घटा दिया था। इस सबके बीच चीन के पास भारत के खिलाफ सख्त कदम उठाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। वहीं, चीन ने भी भारत के 2 पत्रकारों को निकाल दिया है। इनमें एक पत्रकार अंग्रेजी अखबार द हिंदू का है जबकि दूसरा प्रसार भारती का है। हैरानी की बात ये है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट आने से कुछ देर पहले ही भारत में चीनी दूतावास ने एक ट्वीट किया था। इसमें बताया था कि उन्होंने इस साल लगभग 60 हजार भारतीयों को बिजनेस, पढ़ाई, घूमने और रिश्तेदारों से मिलने के लिए वीजा इश्यू किए हैं। चीन ने वीजा के पूरे विवाद पर भारत को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही ये कहा है कि वो भारत से मामला सुलझाने की अपील की है।