ज़ल्मय ख़लीलज़ाद, अनुभवी अमेरिकी दूत, जिनकी महीनों की होटल-बॉलरूम कूटनीति ने अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध को समाप्त करने में मदद की, लेकिन तालिबान के अधिग्रहण को रोकने में विफल रहे, ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है|
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि ख़लीलज़ाद की जगह उनके डिप्टी रहे थॉमस वेस्ट अब इस पद को संभालेंगे. वहीं, ज़ल्मय ख़लीलज़ाद ने इस्तीफ़े की जानकारी देते हुए ट्वीट कर लिखा है, "आज मैं अफ़ग़ानिस्तान शांति समझौते के विशेष प्रतिनिधि के पद से इस्तीफ़ा देता हूं. अमेरिकी लोगों की फिर से सेवा करना सम्मान की बात है."
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, "अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना बाहर निकल चुकी है और यूएस के लिए युद्ध समाप्त हो गया है लेकिन यह अंतिम चैप्टर नहीं है. अफ़ग़ान लोगों के सामने अर्थव्यवस्था और सुरक्षा समेत बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. मैं अफ़ग़ानिस्तान और इस बड़े क्षेत्र में शांति और खुशहाली की संभावना के लिए प्रतिबद्ध हूं. यह वो ही है जो अफ़ग़ानिस्तान के लोग बीते 40 वर्षों से भी अधिक समय से चाहते थे. अमेरिका उनके साथ खड़ा है. मैं टॉम वेस्ट का अफ़ग़ानिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि की भूमिका में स्वागत करता हूं क्योंकि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफ़ग़ान नेताओं को आगे ले जाने के लिए वचनबद्ध है. मैं विदेश विभाग, पेंटागन और ख़ुफ़िया समुदाय के अपने सभी सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस मिशन में मेरा साथ दिया."
70 वर्षीय ख़लीलज़ाद, जो मजार-ए-शरीफ में पैदा हुए थे, अफगानिस्तान सुलह के लिए अमेरिका के विशेष दूत थे, उन्हें एक पद पर सितंबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नियुक्त किया गया था. साथ ही उस देश में एक पूर्व अमेरिकी राजदूत थे, उन्होंने तालिबान के साथ फरवरी 2020 के समझौते पर बातचीत की थी, जिसके कारण आखिरकार अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सेनाएं चली गईं. अमेरिका ने स्वयं द्वारा निर्धारित समय सीमा से एक दिन पहले, 30 अगस्त को अपनी सेना की वापसी पूरी की थी.