काबुल में हाल ही में हुए विस्फोट का जिम्मा लेते हुए इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह की अफगान शाखा ने शुक्रवार को कहा कि वह इसके पीछे है. बता दें कि इस विस्फोट के कारण बिजली की लाइनें प्रभावित हुईं और काबुल को अंधेरे में डुबो दिया.
यह कहना गलत नहीं होगा कि गुरुवार को बिजली कटौती अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल करने के दो महीने बाद अफगानिस्तान को स्थिर करने के तालिबान के प्रयासों के लिए एक और झटका था.
अपने टेलीग्राम चैनलों पर प्रकाशित एक बयान में, इस्लामिक स्टेट-खोरासन (IS-K) ने कहा कि "खिलाफत के सैनिकों ने बिजली क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए काबुल में एक बिजली के खंभे पर बम विस्फोट किया".
विस्फोट ने काबुल और कुछ अन्य प्रांतों को आयातित बिजली की आपूर्ति करने वाली एक हाई-वोल्टेज लाइन को प्रभावित किया है.
अफगानिस्तान बड़े पैमाने पर अपने उत्तरी पड़ोसियों उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से आयातित बिजली पर निर्भर है, जो क्रॉस-कंट्री पॉवर लाइन विद्रोहियों के लिए एक प्रमुख लक्ष्य बन गई है.
इस हफ्ते की शुरुआत में आईएस-के ने कहा था कि दक्षिणी शहर कंधार में 15 अक्टूबर को एक शिया मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले के पीछे उसका हाथ था, जिसमें 60 लोग मारे गए थे.