19 जून, गुरुवार को जापान में एक शक्तिशाली भूकंप ने एक बार फिर लोगों को दहशत में डाल दिया। जापान के होक्काइडो तट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (Japan Meteorological Agency - JMA) और अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) दोनों ने इसकी पुष्टि की है। भूकंप का केंद्र नेमुरो प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर, समुद्र में था।
हालांकि, अब तक सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन तेज झटकों के कारण इलाके में लोगों में भारी घबराहट और डर का माहौल बना हुआ है।
भूकंप का केंद्र और समय
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स्थान: नेमुरो प्रायद्वीप, होक्काइडो के दक्षिण-पूर्वी तट से सटा क्षेत्र
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समय: गुरुवार, 19 जून 2025 को देर रात
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गहराई: समुद्रतल से लगभग 14.9 किलोमीटर नीचे
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निर्देशांक: 42.8° उत्तरी अक्षांश और 146.4° पूर्वी देशांतर
JMA के अनुसार, भूकंप के झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए, जिससे घर, दफ्तर और इमारतों में हड़कंप मच गया। कुछ जगहों पर पंखे, लाइटें और छोटी वस्तुएं हिलती देखी गईं, हालांकि अभी तक किसी बड़ी क्षति या जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
सुनामी की आशंका नहीं, लेकिन अलर्ट जारी
JMA ने यह स्पष्ट किया है कि भले ही इस भूकंप की तीव्रता ज्यादा थी, लेकिन इसका केंद्र समुद्र में बहुत गहराई पर था, जिससे सुनामी की कोई तत्काल संभावना नहीं बनी। फिर भी, तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और निकासी योजनाओं की तैयारी रखने को कहा गया है।
लगातार आ रहे हैं झटके
एक दिन पहले यानी 18 जून को भी इसी इलाके में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 5.9 थी। उस समय भी केंद्र नेमुरो से करीब 107 किलोमीटर दूर समुद्र में 14.9 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे यह साफ है कि इलाके में टेक्टोनिक मूवमेंट सक्रिय हैं और आने वाले दिनों में और भी झटके महसूस हो सकते हैं।
जापान में भूकंप का इतिहास और तैयारी
जापान "रिंग ऑफ फायर" नामक भूकंपीय क्षेत्र में आता है, जहां धरती की प्लेट्स लगातार टकराती रहती हैं। इस कारण यहां भूकंप और ज्वालामुखी फटने की घटनाएं आम हैं। जापान सरकार और वैज्ञानिक लगातार ऐसी आपदाओं की भविष्यवाणी और रोकथाम पर काम करते रहते हैं।
2011 में आया विनाशकारी भूकंप और सुनामी, जिसकी तीव्रता 9.0 थी, आज भी लोगों के मन में ताजा है। उस घटना में करीब 15,000 लोगों की जान चली गई थी और फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को गंभीर नुकसान हुआ था। उसी अनुभव से सीखते हुए जापान अब भूकंप पूर्व अलर्ट सिस्टम, मजबूत निर्माण और आपदा प्रशिक्षण को प्राथमिकता दे रहा है।
🇮🇳 भारत में भी भूकंप के झटके
जापान के अलावा भारत के अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। 18 और 19 जून को पश्चिमी केमांग जिले में दो बार हल्के भूकंप आए:
इन दोनों झटकों का केंद्र धरती की सतह से 10 किलोमीटर नीचे रहा। हालांकि, इनसे किसी प्रकार की क्षति की सूचना नहीं मिली, लेकिन प्रदेश प्रशासन ने एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
होक्काइडो में रह रहे स्थानीय नागरिकों ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि घरों की खिड़कियां और दरवाजे तक खड़कने लगे। कई लोग रात में ही घर छोड़कर खुले स्थानों में चले गए। राहत की बात यह रही कि बिजली या पानी की सप्लाई में कोई रुकावट नहीं आई, और हालात काबू में हैं।
निष्कर्ष: अलर्ट रहें, घबराएं नहीं
जापान सरकार, वैज्ञानिकों और मौसम एजेंसियों की निगरानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है। लोगों से शांति बनाए रखने, अफवाहों से दूर रहने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है। भारत समेत अन्य भूकंपीय क्षेत्रों को भी इस घटना से सीख लेकर अपनी आपदा तैयारियों को मजबूत करना चाहिए।
जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन और टेक्टोनिक गतिविधियां तेज हो रही हैं, ऐसे भूकंप अब और ज्यादा आम हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता और जागरूकता ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।