मुंबई, 15 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) कभी भारत के 'व्हाट्सएप प्रतिद्वंदी' के रूप में देखे जाने वाले देसी ऐप हाइक मैसेंजर (Hike Messenger) ने अब अपनी सभी सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का ऐलान कर दिया है। हाइक के संस्थापक और सीईओ कविन भारती मित्तल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस फैसले की जानकारी दी, जिसे उन्होंने 'एक अध्याय का अंत और एक नए की शुरुआत' बताया। यह फैसला भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग (RMG) पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद आया है, जिसने कंपनी के पूरे बिजनेस मॉडल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक मैसेंजर से गेमिंग प्लेटफॉर्म तक का सफर
साल 2012 में एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के रूप में लॉन्च हुए हाइक ने भारत के युवाओं के बीच तेज़ी से लोकप्रियता हासिल की। अपने मज़ेदार स्टिकर्स और ग्रुप चैट फीचर्स के साथ इसने 40 मिलियन से अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स (MAUs) तक का सफर तय किया। हालांकि, व्हाट्सएप की वैश्विक ताकत के सामने यह मैसेंजर अपनी जगह नहीं बना पाया और 2021 में कंपनी ने मैसेंजर सेवा बंद कर दी।
इसके बाद, हाइक ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया और 'रश' (Rush) नामक एक ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। यह कदम सफल रहा और 'रश' ने चार वर्षों में 10 मिलियन से ज़्यादा यूजर्स और 500 मिलियन डॉलर से अधिक का ग्रॉस रेवेन्यू कमाया।
सरकार का बैन और एक मुश्किल फैसला
हाल ही में भारत सरकार द्वारा पारित ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025 ने रियल-मनी गेमिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे हाइक जैसे कई प्लेटफॉर्म्स के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं। इस प्रतिबंध ने हाइक के मुख्य राजस्व मॉडल को खत्म कर दिया।
कविन मित्तल ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भले ही उनकी कंपनी का अमेरिका में कारोबार अच्छा चल रहा था, लेकिन भारत में लगे इस प्रतिबंध के बाद वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, "क्या यह चढ़ाई जारी रखने लायक है? 13 सालों में पहली बार, मेरा जवाब है, 'नहीं'। यह मेरे लिए, मेरी टीम के लिए और हमारे निवेशकों के लिए भी सही नहीं है।"
भविष्य की ओर एक नया कदम
मित्तल ने इस फैसले को एक निराशाजनक, लेकिन सीखने वाला अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अंत नहीं, बल्कि एक रीसेट है। उनका मानना है कि आगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में बड़ी संभावनाएं हैं, और वे अब अपना ध्यान इन्हीं नए क्षेत्रों पर केंद्रित करेंगे।
यह घटना दर्शाती है कि तकनीकी बाज़ार में नियामक नीतियों और बाज़ार की बदलती परिस्थितियों का किसी भी स्टार्टअप के सफर पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है।