मुंबई, 29 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) मोबाइल का बाजार भारत में काफी उतार-चढ़ाव महसूस कर रहा है। हाल ही में शामिल हो गए जीएसटी से मोबाइल कंपनियों को अपने मोबाइल के दाम बढ़ाने पड़े, जिस दाम में पहले यह मोबाइल कंपनियां ज्यादा मेमोरी और रैम दिया करती थी अब उसी दाम में उससे कम मेमोरी और रैम वाले फोन आ रहे हैं। आखिर ऐसा क्या बदलाव हुआ है जिसके कारण कंपनियों को भारत में अपने मोबाइल फोन के दाम बढ़ाने पड़ गए हैं।
इसके अलावा, विचार करने का एक और पहलू यह है कि भारत में शीर्ष ब्रांडों के लगभग हर लोकप्रिय स्मार्टफोन देश में लॉन्च होने के कुछ महीनों के भीतर कीमतों में बढ़ोतरी देखता है। पहले, ब्रांड बिक्री बढ़ाने के लिए लोकप्रिय स्मार्टफोन की कीमतों को कम करते थे। लेकिन अब, ऐसा लगता है कि स्मार्टफोन उद्योग सामूहिक रूप से कीमतों में वृद्धि कर रहा है। Xiaomi, Poco, Realme, Oppo और अन्य जैसे ब्रांडों के कुछ स्मार्टफोन्स ने 2021 के दौरान कई कीमतों में बढ़ोतरी देखी है।
मोबाइल उद्योग निकाय ICEA (इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन) ने 2021-22 के बजट में आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की है। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ICEA के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने केंद्रीय आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मोबाइल घटकों पर बढ़े हुए टैरिफ के बारे में एक पत्र लिखा था।मोहिंद्रू ने अपने पत्र में कहा कि ये शुल्क "राजस्व विभाग द्वारा स्वत: प्रेरणा से लगाए गए थे।" द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, "प्रतिस्पर्धी नुकसान के कारण उत्पादन में कमी के कारण 10,000 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये के बीच का नुकसान हुआ है।"
भारत आने पर क्यों महंगे हो जाएंगे फोन :
मोहिंद्रू ने समझाया, "हाई-एंड फोन में ग्रे मार्केट 50% से अधिक है। हाई-एंड फोन में मूल्य अंतरपणन 43.96% है (जिसमें से 22% बीसीडी है और 18% जीएसटी है)...एक उच्च बीसीडी कंपनियों को भारत में हाई-एंड फोन बनाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगा, और इसे हटाने या युक्तिसंगत नहीं होगा। चीन से भारत में मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट करने की अपनी योजना में बदलाव करें।”