भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में चल रहे चौथे टेस्ट मैच का तीसरा दिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए निराशाजनक रहा। टीम इंडिया की गेंदबाजी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही, खासकर स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन सभी को हैरान कर गया। जिस गेंदबाज से विकेटों की झड़ी लगाने की उम्मीद थी, वह 28 ओवर में केवल 1 विकेट निकाल पाया, वो भी 95 रन खर्च करके।
बुमराह की स्पीड बनी चिंता का कारण
तीसरे दिन जसप्रीत बुमराह अपनी रफ्तार और लय दोनों ही खोते नजर आए। आमतौर पर 140+ की गति से गेंदबाजी करने वाले बुमराह की स्पीड 125-130 किमी प्रति घंटे के बीच ही रही, जो उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े करती है। उनकी गेंदबाजी में न तो पुरानी धार दिखी और न ही वह आक्रामकता जिसके लिए वो जाने जाते हैं।
इस प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर फैंस की चिंता बढ़ गई। कुछ ने इसे फिटनेस का मुद्दा बताया तो कुछ ने गेंदबाज के मानसिक दबाव की ओर इशारा किया। लेकिन सबसे बड़ी सनसनी तब मची जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने अपने एक वीडियो में बुमराह को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया।
मोहम्मद कैफ ने जताई संन्यास की आशंका
मोहम्मद कैफ ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में कहा,
"मुझे नहीं लगता कि जसप्रीत बुमराह लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलते दिखाई देंगे। उनका शरीर अब टेस्ट की लंबी अवधि की गेंदबाजी झेलने की स्थिति में नहीं दिख रहा। हो सकता है कि वो खुद फैसला कर लें कि अब टेस्ट से संन्यास लेना सही रहेगा।"
कैफ ने आगे कहा कि
"वो काफी खुद्दार खिलाड़ी हैं। अगर उन्हें लगेगा कि वो 100% नहीं दे पा रहे हैं, तो वो खुद ही मना कर सकते हैं। इस मैच में उनकी गेंदों की स्पीड बहुत कम रही। फिट बुमराह की गति ऐसी नहीं होती।"
कैफ के इस बयान से क्रिकेट हलकों में बहस छिड़ गई है। क्या बुमराह वाकई अब टेस्ट से दूरी बनाने की सोच रहे हैं? क्या उनके शरीर की सीमाएं अब टेस्ट के लायक नहीं रहीं?
भारत की जीत में बुमराह का योगदान होता है अहम
बुमराह को हमेशा से भारतीय गेंदबाजी का नेतृत्वकर्ता माना जाता रहा है। जब वो शानदार प्रदर्शन करते हैं, तो टीम के बाकी गेंदबाजों को भी बढ़ावा मिलता है। लेकिन जब उनका प्रदर्शन फीका रहता है, तो पूरी गेंदबाजी इकाई कमजोर दिखती है।
इंग्लैंड सीरीज से पहले यह कहा जा रहा था कि अगर बुमराह चल गए, तो भारत सीरीज जीत सकता है। लेकिन अब जब वे प्रभावी साबित नहीं हो रहे, तो भारत की स्थिति कमजोर होती जा रही है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी हमने देखा था कि जब बुमराह ने अच्छी गेंदबाजी की, तो भी उन्हें दूसरे छोर से सपोर्ट नहीं मिला। वही स्थिति अब मैनचेस्टर टेस्ट में भी नजर आ रही है।
क्या टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होंगे बुमराह?
जसप्रीत बुमराह के करियर में चोटें हमेशा से एक बड़ी बाधा रही हैं। पीठ और स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण वे लंबे समय तक क्रिकेट से दूर भी रहे। ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या वे अपना करियर सीमित ओवरों तक सीमित कर लेंगे?
बुमराह की यूनीक एक्शन और एक्सप्रेस स्पीड उन्हें टेस्ट में खतरनाक बनाती है, लेकिन यह एक्शन उनके शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालता है। ऐसे में यह तय करना मुश्किल नहीं होगा कि वे भविष्य में खुद को केवल वनडे और टी20 तक सीमित कर लें।
निष्कर्ष
मैनचेस्टर टेस्ट में जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन और मोहम्मद कैफ का बयान दोनों ही आने वाले समय में टीम इंडिया की रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं। जहां एक ओर बुमराह जैसे मैच विनर गेंदबाज का लय खोना चिंता का विषय है, वहीं दूसरी ओर उनके संभावित संन्यास की चर्चा ने फैंस और विशेषज्ञों को झकझोर दिया है। आने वाले मैचों में बुमराह का प्रदर्शन और उनका शरीर कैसा साथ देता है, यह तय करेगा कि वे टेस्ट क्रिकेट में कितने समय तक भारत के लिए खेलते रहेंगे।