ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट ने प्रायवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन की एसएलपी पर फैसला देते हुए कहा कि हाई कोर्ट मप्र नर्सिंग शिक्षण संस्थान शिक्षण मान्यता नियम-2018 के अंतर्गत आयोग बनाए और जल्द से जल्द इस याचिका का निराकरण करें। ग्वालियर-चंबल के 6 जिलों के 271 नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए आयोग बनाया जाएगा।
दरअसल, एडवोकेट उमेश बौहरे ने याचिका दायर कर ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया में नियमविरुद्ध तरीके से नर्सिंग कॉलेजों के संचालन का मुद्दा उठाया और सभी कॉलेजों की जांच करने की मांग की। मामले में मप्र नर्सिंग काउंसिल, भोपाल के निदेशक ने बताया कि इन 6 जिलों में 271 नर्सिंग कॉलेज हैं। इनका संचालन नियमानुसार किया जा रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने 25 अगस्त को इन कॉलेजों की जांच के लिए आयोग का गठन किया।
ग्वालियर में जांच का जिम्मा ओएसडी हितेंद्र द्विवेदी व दो अन्य अधिवक्ताओं को दिया गया, जबकि अन्य जिलों में कलेक्टर को। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा बनाए गए आयोग को भंग कर दिया।
आपको बता दें कि हरिओम नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक जनहित याचिका दायर करते हुए नर्सिग कॉलेजों को दी गई मान्यता पर सवाल खड़े किए थे। इसमें बताया गया कि नियमानुसार हर नर्सिंग कॉलेज के पास स्वयं का 100 बिस्तर का अस्पताल नहीं है।