ग्वालियर। आज हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच और जिला कोर्ट के वकीलों ने इंदौर जिले में वकीलों और जजों के बीच चल रहे विवाद के चलते काम नहीं किया। यह विवाद अब लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते वकीलों ने राष्ट्रपति, केंद्रीय कानून मंत्री और सीजेआई को ज्ञापन दिया है। वकीलों ने अपने ज्ञापन में जजेज के लिए आचरण संहिता बनाने की मांग की है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का आरोप है कि, जजों का जो रवैया है, तानशाह हो चला है। इसलिए आम लोगों को न्याय नही मिल पा रहा है। जजेज अपनी शक्तियां का उपयोग वकीलों के दमन के लिए कर रहे है। बार एसोसिएशन ने कहा है कि, यह घटना अकेली इंदौर की नहीं है, बल्कि प्रदेश के कई जिलों में जजों के द्वारा वकीलों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
सीनियर एडवोकेट प्रेम सिंह भदौरिया का कहना है कि, इंदौर और ग्वालियर में जो स्ट्राइक की गई है, निश्चित रूप से जजों के आचरण में आचार विचार में परिवर्तन नहीं आया है। एडवोकेट भी कोर्ट ऑफिसर कहलाता है और वह भी उस सम्मान का अधिकारी है जो हमारी न्यायधीशका है। हम यह कई समय से देख रहे हैं कि सिविल जज से लेकर हाईकोर्ट के जज तक कोई भी वकीलों से सही व्यवहार नहीं करता है। मैंने इस बारे में चीफ जस्टिस महोदया से भी कहा था की, यदि इसमें सुधार नहीं होता है, तो उसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे। जिसका नतीजा यह है कि आज जो इंदौर और उसके बाद ग्वालियर और जबलपुर में और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हमें इस बात को पूरे प्रदेश में आगे बढ़ाएंगे। कांस्टीट्यूशनल पोस्ट इसका मतलब यह नहीं किया उसका दुरुपयोग करें।