ग्वालियर। सरकारी नीतियों को किस प्रकार बनाया जाता और कैसे क्रियान्वित किया जाता है, उनके कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं का निराकरण किस तरह किया जा सकता है। इन सबका प्रशिक्षण जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्र ले सकेंगे। इसके लिए जीवाजी विश्वविद्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टिट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस भोपाल, के बीच एक एमओयू गुरुवार को टण्डन हॉल में हुआ।
इसके लिए जेयू की ओर से कुलसचिव डॉ सुशील मन्डेरिया, जबकी अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस भोपाल की ओर से सीईओ जीवी रश्मि ने कुलपति प्रो संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस दौरान कुलपति प्रो संगीता शुक्ला ने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस भोपाल को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों की शिक्षा सम्बन्धी नीतियां बनाने की सलाह भी दी।
इस अवसर पर जेयू की ओर से प्रो जीबीकेएस प्रसाद, डीसीडीसी डॉ केशव गुर्जर, साइंटिफिक ऑफिसर डॉ साधना श्रीवास्तव, भोपाल इंस्टिट्यूट की ओर से एडिशनल सीईओ लोकेश शर्मा, डॉ शिलजा सुधीर, एडवाइजर टीना यादव मौजूद रहे।
एमओयू के मुख्य बिंदु-
• एमओयू के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस भोपाल के एक्सपर्ट जेयू के छात्रों की पालिसी की क्लासेस भी ले सकेंगे।
• जेयू के छात्र अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस भोपाल जाकर पालिसी सम्बन्धी प्रशिक्षण ले सकेंगे।