ग्वालियर। ग्वालियर में नई ड्रोन नीति के तहत ड्रोन का उपयोग बढ़ाने के लिए आज शनिवार को मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा फिक्की द्वारा माधव इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एमआईटीएस) मे रखा गया है। इस मेले का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में और विद्यार्थियों के लिए ड्रोन का उपयोग रहेगा। अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन का उपयोग कैसे किया जा सकता है, यह भी मेले में विशेषज्ञों द्वारा बताया जाएगा।
इस मेले की तैयारियां जोरों शोरों से mi2s में की जा रही है इसमें एक पूरा ग्राउंड तैयार किया गया है जिसके अलग-अलग क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग किस तरह किया जा सकता है यह बताया जाएगा। इस मेले में 20 कंपनियों ने जो ड्रोन बनाती हैं आने की सहमति दी है। साथी एक साथ 40 ड्रोन उड़ाने की पूरी तैयारी है।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे।
कहां-कहां कर सकते हैं ड्रोन का उपयोग
कृषि - बड़े खेतों में बीज डालने और कीटनाशक के छिड़काव के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है, इसके अलावा बड़े इलाके का कृषि सर्वे भी इससे किया जा सकता है।
लैंड रिकॉर्ड - लैंड रिकॉर्ड में विभिन्न क्षेत्रों के सर्वे में भी ड्रोन की उपयोगिता होगी। जमीन के नए नक्शे तैयार करने के लिए भी यह उपयोगी साबित होगा।
पुलिस - किसी क्षेत्र विशेष के सर्विलेंस एवं अपराधियों को पकड़ने के लिए भी इसका उपयोग पुलिस कर पाएगी।
नई ड्रोन नीति के नए नियम
• ड्रोन से जुड़ी दुर्घटनाओं की सूचना 48 घंटे में देनी होगी।
• ड्रोन के समग्र वजन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है इसमें ड्रोन टैक्सी शामिल है।
• ड्रोन के लिए पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी।
• गैर व्यवसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं।
• सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफार्म के जरिए होगा और ड्रोन के ट्रांसफर और डी रजिस्ट्रेशन की निर्धारित प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है।
• डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर हरे पीले और लाल क्षेत्रों के साथ एक इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित होगा।
• एयरपोर्ट की परिधि से यलो जोन को 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर कर दिया गया है।
• एयरपोर्ट की परिधि में ग्रीन जोन के 8 से 12 किलोमीटर के मध्य के क्षेत्र में 200 फीट तक ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
• निर्माता और आयातक स्वप्रमाणित मार्ग के माध्यम से डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर अपने ड्रोन की विशिष्ट पहचान संख्या का सर्जन करने में सक्षम होंगे।
• डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध रिमोट पायलट लाइसेंस धारक नियमों के तहत कव ड्रोन को संचालित कर सकेंगे।
• ड्रोन पर हथियार, गोली बारूद, विस्फोटक और सैन्य भंडार आदि ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है।