ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस आनंद पाठक की डिवीजन बेंच ने महामारी की रोकथाम के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित कर तीन दिन में कोर्ट के समक्ष विस्तृत कार्ययोजना पेश करने के आदेश दिए।
कोर्ट ने डॉ आरकेएस धाकड़ एवं डॉ मनीष शर्मा से कहा, आपने बीमारी को खत्म करने के लिए गाइडलाइन क्यों नहीं बनाई। आप पेड़ एंप्लाइ है, और केवल सरकार से मिल रही सुविधाओं को भोगने में दिलचस्पी रखते हैं, केवल कार्यालय जाने की औपचारिकता करते हैं। ऐसा लगता है जैसे आप इस महामारी को लेकर जरा भी चिंतित नहीं है। आपका यह कहना है कि, हम मरीजों का इलाज कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है। आप जिले के सबसे बड़े अधिकारी हैं।
इलाज देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, बीमारी से बचाव और उसे फैलने से रोकना। कोर्ट ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, डेंगू मरीज के इलाज मे लापरवाही बरती तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। यह आपका नैतिक कर्तव्य है कि, किसी मरीज की मौत ना हो। गौरतलब है कि, सीएमएचओ ने कोर्ट को बताया कि, डेंगू से अब तक केवल दो ही मौतें हुई हैं, जबकि आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।
एडवोकेट अवधेश भदोरिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जया रोग चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ आर के एस धाकड़ और सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा से सवाल किए -
• हाई कोर्ट - पूरे शहर में फागिंग क्यों नहीं होती?
सीएमएचओ - प्रोटोकॉल के अनुसार जहां मरीज मिलते हैं उसकी 400 मीटर की परिधि में ही फागिंग की जाती है।
• हाई कोर्ट - यह आदेश किसने दिया है?
सीएमएचओ - यह आदेश में भोपाल से प्राप्त हुए हैं।
• हाई कोर्ट - आदेश में यह कहा गया है कि बाकी जगह फागिंग नहीं करना है?
8सीएमएचओ - आदेश में एक्टिव केस के आसपास के क्षेत्र में ही फागिंग करने के लिए कहा गया है।
• हाई कोर्ट किसी स्थान पर एक केस निकला बाकी लोग तो नॉर्मल है फिर उस क्षेत्र में फागिंग क्यों करते हो?
सीएमएचओ - सर।
• हाई कोर्ट - यह बहुत ही बेतुकी बात है। आपको इस महामारी को खत्म करना है, यह कोई स्थानीय समस्या नहीं है। यह महामारी है, आप वरिष्ठ अधिकारी हैं। आपको मालूम होना चाहिए कि इस प्रकार की बीमारी को फैलने से कैसे रोका जाता है। आप सीएमएचओ है, आपको केवल इलाज के लिए पदस्थ नहीं किया गया है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप बीमारी को जड़ से खत्म करना सुनिश्चित करें।
टास्कफोर्स में यह रहेंगे शामिल -
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स में निगमायुक्त किशोर कन्याल, जयारोग्य चिकित्सालय अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़, और मुख्य चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को शामिल करने की बात कही गई। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। इस दौरान कलेक्टर, निगम आयुक्त, जेएएच अधीक्षक एवं सीएमएचओ को भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।