ग्वालियर। मैं इस एलुमनी मीट में बतौर पूर्व विद्यार्थी शामिल हुई हूँ, न कि अतिथि के रूप में। मेहमान नहीं मेजबान हूँ मैं। यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने आज आयोजित जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेई सभागार में भौतिक अध्ययन शाला के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित भूतपूर्व विद्यार्थियों की गोल्डन जुबली एल्यूमिनी मीट में कही।
उन्होंने आगे कहा की आप लोगों के बीच आकर मुझे अपना छात्र जीवन याद आ गया। पूरे देश से सभी पूर्व विद्यार्थियों को संपर्क कर इस आयोजन में एकत्रित करने के लिए आयोजन समिति ने अभूतपूर्व कार्य किया है, ओर आगे भी ऐसे मिलन समारोह होते रहना चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति संगीता शुक्ला एवं रेक्टर उमेश होलानी द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके बाद आयोजन समिति के सरंक्षक अभिनंदन किया गया, साथ ही सभी पूर्व एवं वर्तमान गुरुजनों डॉ वाय एम गुप्ता, डॉ डी सी तिवारी, प्रो एक के श्रीवास्तव, डॉ नीरज जैन,डॉ आर के तिवारी, डॉ यू पी वर्मा, पी राजाराम का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर प्रथम विभागाध्यक्ष स्व.प्रोफेसर वंशीगिरी साहब के चित्र का अनावरण उनकी पोती गीतांजलि की उपस्थिति में किया गया एवं एक स्मारिका का प्रकाशन भी किया गया। इसके बाद आयोजन समिति के सरंक्षक एवं विभागाध्यक्ष प्रो डी सी गुप्ता, अध्यक्ष प्रो ए के श्रीवास्तव , सचिव डॉ पी के शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि कुलपति संगीता शुक्ला का सम्मान शाल एवं श्रीफल भेंट कर किया गया।
कार्यक्रम में भौतिकीअध्ययन शाला से शिक्षा प्राप्त कर देश विदेश में कार्यरत भूतपूर्व विद्यार्थी सम्मिलित हुए। जिसमें 1971 से 73 प्रथम फाउंडर बैच के भूतपूर्व विद्यार्थी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर पूर्व छात्रों द्वारा ऑरकेस्ट्रा का आयोजन लॉन में किया गया। जिसमें एक से बढ़कर एक नग्मों की प्रस्तुति हुई।
कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष साइंस कॉलेज डॉ नागेंद्र चतुर्वेदी एवं प्राचार्य पीजीवी महाविद्यालय डॉ विजय गुप्ता ने किया। इसके अतिरिक्त एलुमनाई एसोसिएशन ने अपनी तरफ से विश्वविद्यालय के द्वारा एसओएस फिजिक्स के टॉपर छात्र को गोल्ड मेडल प्रतिवर्ष होने वाले कन्वोकेशन में देने के लिए भी अपनी तरफ से कुलपति महोदया को आग्रह किया, जिसको उन्होंने मान कर लिया। इसके लिए जो फंड विश्वविद्यालय मध्य में जमा करना होगा, वह पूर्व छात्र अपनी तरफ से एकत्रित कर प्रदान करेंगे।