ग्वालियर। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए वूमन इंटरप्रिन्योरशिप जैसे प्रोग्राम को समय- समय पर कराते रहने की जरूरत है। इस तरह लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाते रहने से इनोवेशन होगा, इनोवेशन से मोटिवेशन होगा और इनोवेशन और मोटिवेशन मिलकर इन्क्यूबेशन का रास्ता तय करेंगे, जिससे विकास की इबारत लिखी जा सकेगी। यह बात जेयू के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने कही।
वह जीवाजी विश्वविद्यालय के सीआईएफ के चल रहे वूमन इंटरप्रिन्योरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डीएसटी के ऑब्जर्वर प्रो. विमल भाटिया रहे। इस अवसर पर प्रॉक्टर डॉ. हरेंद्र शर्मा, प्रो. जीबीकेएस प्रसाद, डॉ. साधना श्रीवास्तव, वीआरएस गुर्जर सहित अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीआईएफ कोऑर्डिनेटर प्रो. एसके श्रीवास्तव ने की।
वूमन इंटरप्रिन्योरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम के समापन अवसर छात्राओं को सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए। इस दौरान ट्रेनिंग प्रोग्राम में लगातार भागीदारी करने वाली छात्राओं को प्रमाणपत्र भी दिए गए। इनमें निम्मी, राखी और जूली को सर्टिफिकेट मिले।
गति देने की जरूरत है
कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने कहा कि वूमन इंटरप्रिन्योरशिप जैसे प्रोग्राम लगातार कराते रहना चाहिए। आवश्यकता ऐसे कार्यक्रमों को गति देने की भी हैं। पीथमपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्र में ऐसे कई समूह बिना किसी मदद के लगातार कार्य कर रहे हैं।
प्रो. तिवारी ने कहा यह इंटरप्रिन्योरशिप का जमाना है। यदि आपके पास आइडिया है तो, उसे शेयर करें। यही इनोवेशन आपको मोटिवेट करेगा।