ग्वालियर। ग्वालियर में फर्जी दस्तावेज, सिम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड एवं एटीएम तैयार कर लोगों के साथ नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का साइबर क्राइम टीम ने पर्दाफाश किया। गिरोह के तीन सदस्यों को मौके से गिरफ्तार किया। अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडौतिया के अनुसार पकड़े गए बदमाश नकली दस्तावेजों से बैंक लोन, ऑनलाइन ठगी, और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी जैसी आपराधिक करतूतों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है, जल्द ही कई और वारदातों का खुलासा हो सकता है।
पुलिस के अनुसार पकड़े गए बदमाश फर्जा पहचान पत्रों के आधार पर कई मोबाइल सिम रखते थे। इन सिमों और पहचान पत्रों से कई बैंकों में फर्जी खाते खोल कर लोन लेकर गायब हो जाते थे। इसके साथ ही वह बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी करते थे। उन्होंने दीपक ट्रेडर्स के नाम से एक फर्जी कंपनी भी बना रखी थी। बदमाशों ने एक लड़की के फर्जी पहचान-पत्र औऱ आवाज को बदलने वाले एप से लड़की बनकर युवकों को प्लेबॉय बनाने का झांसा देर भी ठगी की थी। पकड़े गए शातिर ठगी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाकर अवसर की तलाश में जुटे रहते थे।
हम आपको बता दें, इस बात की सूचना पुलिस को मुखबिर द्वारा दी गई। मुखबिर द्वारा बताया गए स्थान पर पुलिस टीम ने पहुंचकर एक सदस्य को आवेदक बनाकर बशीराम मार्केट फ्लैट नंबर 1 ए में जॉब लेने के लिए भेजा। उस सदस्य द्वारा फ्लैट से वापसी में आते वक्त बताया गया कि, उस फ्लैट में तीन व्यक्ति हैं, जिनसे मैंने जॉब के संबंध में बात की तो उन्होंने जॉब दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने पैन कार्ड का आधार कार्ड ना होने पर फर्जी बनाने की बात कही। जिसके लिए उन्होंने एक्स्ट्रा चार्ज भी मांगा। जिसके बाद पुलिस ने उस फ्लैट में दबिश दी। कमरे में तीन व्यक्ति बैठे हुए थे। जिसमें से एक व्यक्ति लैपटॉप पर कार्य कर रहा था, व अन्य दो व्यक्ति मोबाइल पर कार्य कर रहे थे। व्यक्तियों के आसपास काफी सारे आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, चेक बुक, कुछ सीलें व इंक पैड रखे हुए थे।
उक्त दस्तावेजों के संबंध में तीनों व्यक्तियों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि, वह फर्जी दस्तावेज के माध्यम से जनता के साथ कई तरीकों से ऑनलाइन ठगी का कार्य किया जाता है। तीनों संदिग्धों में से एक के द्वारा बताया गया कि, मैं ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से फर्जी आधार कार्ड को पैन कार्ड बनाने का कार्य करता हूं। दूसरे संदिग्ध द्वारा बताया गया कि, मेरे द्वारा उक्त तैयार किए गए आधार व पैन कार्ड से फर्जी सिम खरीदने का कार्य किया जाता है। तीसरे संदिग्ध से पूछताछ में बताया कि, हम लोग जरूरतमंद लोगों को नौकरी देने के नाम पर भी ठगी करते हैं। मैं व्हाट्सएप पर फर्जी कंपनी की महिला कर्मचारी बनकर लोगों को प्लेबॉय बनाने के नाम पर लोगों को झांसे में लेकर ठगी का काम करता हूं, तथा हम सभी फर्जी पैन कार्ड आधार कार्ड से बैंक में खाता खोलकर लोन लेकर बैंक से भी ठगी करते हैं।
संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयान पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के पास से 30 सिम कार्ड, 56 एटीएम कार्ड, 50 आधार कार्ड, 20 पैन कार्ड, दीपक ट्रेडर्स कंपनी के रजिस्ट्रेशन की प्रिंट प्रति, दीपक ट्रेडर्स के नाम की मोहर, एक इंक पैड, एक दिनांक वाली मोहर, 10 कीपैड मोबाइल, 4 एंड्राइड मोबाइल, एक एप्पल कंपनी का लैपटॉप मय सिम कार्ड जप्त किए गए।
इन आरोपियों को पकड़ने में एवं इस प्रकरण का खुलासा करने में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरीक्षक श्री दामोदर गुप्ता, निरी नरेश गिल, उप निरी धर्मेंद्र शर्मा, उनि हरेंद्र सिंह राजपूत, प्र. आर. चंद्र वीर गुर्जर सत्येंद्र सिंह, आर गौरव पवार, सुमित भदोरिया, शिवशंकर शुक्ला, ओमशंकर सोनी, रुपेश शर्मा, सुनील शर्मा, नवीन पाराशर, हरिओम व्यास, आकाश पांडे, म.आर. सुनीता कुशवाह की सराहनीय भूमिका रही।