ग्वालियर। ग्वालियर कलेक्ट्रेट में 27 साल से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नॉबर्ट जैंस नौकरी कर रहा था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर बेंच में डोली टेरेसा ने एडवोकेट अनिल श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका दायर की। अब नॉबर्ट जैंस के मामले में हाई कोर्ट ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, ग्वालियर कलेक्टर, एसपी, और इंदरगढ़ थाना प्रभारी से जवाब तलब किया है।
यह है पूरा मामला
हम आपको बता दें, नॉबर्ट जैंस की नियुक्ति 1994 में हुई थी और जो जाति प्रमाण पत्र सर्विस रिकॉर्ड में लगाया गया था उसे जबलपुर से जारी होना बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि नॉबर्ट जैंस का पूरा परिवार ग्वालियर रहता है, तथा उसकी शिक्षा भी यहीं से पूरी हुई है। वही जबलपुर प्रशासन से इस प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी मांगी गई, तो वहां के अधिकारियों ने इस प्रमाण पत्र को फर्जी बताया। जिसके बाद इस मामले की शिकायत संभागीय आयुक्त कलेक्टर से की गई।
रिकॉर्ड में एसटी कैटेगरी का प्रमाण पत्र
डॉली टेरेसा का कहना है कि नॉबर्ट जैंस और उसका पूरा परिवार क्रिस्चियन है। जबकि उसने सर्विस रिकॉर्ड में एसटी कैटेगरी का जाति प्रमाण पत्र लगा रखा है, और इसी कोटे में नौकरी ली।