मीरा कपूर ने की पति शाहिद कपूर की 'डिसिप्लिन' की तारीफ़, बोलीं- 'वह सूरज उगने से पहले उठ जाते हैं'

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Posted On:Wednesday, December 3, 2025

मुंबई, 3 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अभिनेता शाहिद कपूर की पत्नी मीरा कपूर ने हाल ही में अपने पति के अनुशासन, कार्य नीति और परिवार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की जमकर तारीफ की है। मीरा ने खुलासा किया कि शाहिद अपने दिन की शुरुआत 'सूरज उगने से पहले' ही कर देते हैं, जो उनकी पेशेवर लगन को दर्शाता है।

एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान, मीरा ने साझा किया कि शाहिद कपूर यह सुनिश्चित करते हैं कि वह अपने बच्चों के साथ समय बिताने के लिए घर वापस आएं, चाहे वह कितनी भी यात्रा कर रहे हों। उन्होंने कहा, "जिस तरह से वह सूरज उगने से पहले उठते हैं, अपना दिन शुरू करते हैं, और यह सुनिश्चित करते हैं कि वह घर वापस आएं... वह हर दिन बच्चों से बात करते हैं, परिवार के संपर्क में रहते हैं। अगर वह दिल्ली जाते हैं, तो वह मेरे माता-पिता और परिवार से मिलना सुनिश्चित करते हैं।"

मीरा ने रिश्ते में 'सुनने' के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि शाहिद एक ऐसे पार्टनर हैं जो उन्हें बिना किसी निर्णय के सुनते हैं, जिससे उन्हें अपनी बातें साझा करने के लिए एक सुरक्षित जगह मिलती है। साथ ही, शाहिद उन्हें तब रियलिटी चेक भी देते हैं, जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है।

विशेषज्ञ की राय: प्यार का मतलब 'संगति', न कि बड़े हाव-भाव

इस विषय पर, मनोचिकित्सक और लाइफ कोच डेलना राजेश ने अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि आधुनिक रिश्तों में प्यार का सबसे बड़ा कार्य संगति (Consistency) है, न कि फूल या भव्य इशारे।

डेलना राजेश के अनुसार, जब कोई पार्टनर अपने परिवार के लिए समय निकालने के लिए जल्दी उठता है, तो वह वास्तव में यह संदेश दे रहा होता है कि, "आप मेरे लिए इतने मायने रखते हैं कि मैं अपने जीवन को हमारे पोषण के लिए पुनर्गठित कर रहा हूं।" इसे भावनात्मक उदारता (Emotional Generosity) का एक व्यावहारिक रूप बताया गया है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सच्चे टैग टीमिंग का अर्थ सिर्फ घर के काम बांटना नहीं है, बल्कि भावनात्मक बोझ (Emotional Load) को बांटना है। एक पार्टनर सुनता है, दूसरा ज़मीन से जोड़े रखता है; एक अपनी भड़ास निकालता है, दूसरा स्थिरता प्रदान करता है।

रिश्तों को मज़बूत बनाने के लिए विशेषज्ञ की सलाह:
  • हर रात 10 मिनट का 'चेक-इन' करें, जिसमें दोनों बताएं कि उन्हें दिनभर कैसा महसूस हुआ।
  • एक पार्टनर को भावनात्मक सहारा (Emotional Anchor) बनने की बारी लें, यह अपेक्षा न रखें कि एक ही व्यक्ति हमेशा मजबूत रहेगा।
  • रोज़ाना बातचीत या साप्ताहिक पारिवारिक समय जैसे एक संबंध गैर-परक्राम्य (Relationship Non-negotiable) पर सहमत हों।
  • डेलना ने निष्कर्ष निकाला कि रिश्ते बड़े झगड़ों से नहीं टूटते, बल्कि तब टूटते हैं जब कोई पार्टनर अनसुना, अनदेख या असमर्थित महसूस करता है। "प्यार तीव्रता से नहीं, बल्कि विश्वसनीयता (Reliability) से सिद्ध होता है," उन्होंने कहा।


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