मुंबई, 9 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। शिव भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है। महाकालेश्वर में कई बार कुछ भक्तों को भस्म आरती के दर्शन की अनुमति नहीं मिल पाती थी, वे भी बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर सकेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक हुई। जिसके बाद मंदिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि अनुमति नहीं मिलने से कई भक्त भस्म आरती के दर्शनों से वंचित रह जाते हैं। नई व्यवस्था से ऐसा नहीं होगा। बिना अनुमति वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा बैरिकेडिंग की 3 लाइन से चलायमान व्यवस्था लागू की जाएगी। पहले की ऑनलाइन और ऑफलाइन अनुमति की व्यवस्था भी लागू रहेगी। अंतर सिर्फ इतना है कि अनुमति लेने वाले परिसर में बैठ सकेंगे। इसी सोमवार से प्रशासन नई चलायमान व्यवस्था लागू कर रहा है। बैठक में आने वाले श्रावण मास में निकलने वाली महाकाल की पालकी को रथ के रूप में निकालने का भी प्रस्ताव आया। कलेक्टर ने कहा कि प्रस्ताव में पालकी की ऊंचाई बढ़ाने की भी बात है। इस संबंध में पुजारियों और पुरोहितों से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
वर्तमान में भस्म आरती के दर्शनों के लिए एक दिन पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन परमिशन लेनी पड़ती है। इसमें 200 रुपए की रसीद कटती है। कोविड के कारण 1500 लोगों को एंट्री दी जा रही है। दर्शन करने के लिए दो हजार लोग आते हैं, जबकि दो हजार से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं मिल पाती। वे बाहर ही खड़े रहते हैं। बता दें कि इससे पहले सिंहस्थ 2016 में भक्तों की भीड़ को देखते हुए चलायमान व्यवस्था बनाई गई थी।