मुंबई, 23 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर समेत देश के 11 राज्यों में बम धमकी वाले ई-मेल भेजने वाली महिला को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। महिला की पहचान चेन्नई निवासी रेनी जोशिल्डा के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार वह काफी समय से फर्जी ई-मेल आईडी और डार्क वेब की मदद से धमकी भरे संदेश भेज रही थी। आरोपी महिला ने जयपुर में भी कई बार सवाई मानसिंह स्टेडियम और मेट्रो स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। अहमदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि रेनी देश के अलग-अलग राज्यों में पिछले एक साल से बम धमकी से संबंधित ई-मेल भेज रही थी। साइबर विशेषज्ञों और तकनीकी टीमों की सहायता से एक गलती के आधार पर उसे ट्रैक कर चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह दिविज प्रभाकर नाम के युवक से एकतरफा प्रेम करती थी और उसकी किसी अन्य युवती से शादी हो जाने के बाद उसने यह साजिश रची। उसने दिविज को फंसाने और ध्यान खींचने के लिए कई फर्जी ई-मेल आईडी बनाई और खुद को पीड़िता बताते हुए बम धमकी भेजना शुरू किया। रेनी जोशिल्डा ने चेन्नई से बीई की पढ़ाई की है और रोबोटिक्स का कोर्स भी किया है। वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर रही थी। उसने बम धमकियों में डार्क वेब और सुरक्षित नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का उपयोग किया, ताकि उसका डिजिटल ट्रेल न पकड़ा जा सके।
जयपुर में धमकियों का सिलसिला मई महीने में तेजी से बढ़ा। 8, 12 और 13 मई को सवाई मानसिंह स्टेडियम को उड़ाने की धमकी मिली थी। 13 मई को आए एक मेल में धमकी के साथ एक पुराने बलात्कार मामले में न्याय की मांग भी की गई थी। वहीं 9 मई को जयपुर मेट्रो को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर का हवाला भी दिया गया था। हालांकि सभी मामलों की जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। मेल में बार-बार एक ही बात दोहराई जाती थी कि 2003 में हैदराबाद के एक होटल में एक युवती के साथ हुए बलात्कार की ओर ध्यान खींचने के लिए स्टेडियम या मेट्रो को उड़ाने की धमकी दी जा रही है। मेल में यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने पीड़िता से एक करोड़ रुपये की मांग की थी और राजस्थान सरकार से न्याय दिलाने की अपील की गई थी। अहमदाबाद साइबर ब्रांच की जांच के अनुसार महिला मानसिक रूप से बेहद जटिल सोच रखने वाली है और उसने हाई-टेक तरीकों से अपनी पहचान छिपाने की हर संभव कोशिश की। लेकिन अंततः पुलिस की सतर्कता और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।