न्यूज हेल्पलाइन 28 जनवरी, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के लागू होने के बाद देश के विभिन्न राज्यों को मिलने वाली मुआवजे की राशि अब बंद कर दी जाएगी। यह निर्णय लिया गया कि जीएसटी लागू होने की तारीख से पांच साल तक राज्यों को हर्जाने का भुगतान किया जाएगा। यह अवधि समाप्त होते ही राज्यों को केंद्र से प्राप्त मुआवजे की राशि को जब्त करना होगा। पता चला है कि सरकार अब महाराष्ट्र में करोड़ों रुपये के बैकलॉग की भरपाई के लिए टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रही है।
ऐसा संकेत राज्य के वित्त मंत्री अजीत पवार ने दिया है। उन्होंने हाल ही में कहा कि राज्य को राजस्व के नए स्रोत तलाशने होंगे। गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में अहम फैसला होने की संभावना है। अगर राज्य कैबिनेट ने टैक्स बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी तो इसका ऐलान 11 मार्च को पेश होने वाले राज्य के बजट में हो सकता है। इसलिए सभी का ध्यान आज की बैठक पर है।
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि पहले राज्य में केवल बिक्री कर और स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) था। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत उसी के अनुसार कर वसूल करते थे। बाद में, हालांकि, वन नेशन वन टैक्स का फैसला किया गया और जीएसटी लागू किया गया। अब पांच साल हो गए हैं। पांच वर्षों के दौरान, केंद्र सरकार ने राज्यों को एक निश्चित राशि का भुगतान किया। यह अब बंद होने जा रहा है। इसलिए राज्य को राजस्व के नए स्रोत खोजने होंगे