नई दिल्ली, 25 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) 25 सितंबर, 2014 को निवेश की सुविधा, नवाचार को बढ़ावा देने, श्रेणी के बुनियादी ढांचे में सर्वश्रेष्ठ निर्माण और भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार के लिए एक केंद्र बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' (Make in India) योजना शुरू की गई थी, इस तरह से आज 25 मार्च को इस योजना के पुरे साढ़े सात साल हो गए हैं। यह योजना (Make in India) अनूठी 'वोकल फॉर लोकल' पहलों में से एक है जिसने भारत के विनिर्माण क्षेत्र को दुनिया में बढ़ावा दिया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि 'मेक इन इंडिया' (Make in India) पहल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं और वर्तमान में मेक इन इंडिया 2.0 के तहत 27 क्षेत्रों पर केंद्रित है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) 15 विनिर्माण क्षेत्रों के लिए कार्य योजनाओं का समन्वय करता है, जबकि वाणिज्य विभाग 12 सेवा क्षेत्र की योजनाओं का समन्वय करता है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और देश में घरेलू और विदेशी निवेश दोनों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालयों, राज्य सरकारों और विदेशों में भारतीय मिशनों के माध्यम से निवेश आउटरीच गतिविधियां की जाती हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, कोविड से संबंधित व्यवधानों के बावजूद, विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (GVA) के सकारात्मक समग्र विकास की प्रवृत्ति है। इस क्षेत्र में कुल रोजगार वर्ष 2017-18 में 57 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 62.4 मिलियन हो गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बताया कि मेक इन इंडिया (Make in India) पहल के तहत गतिविधियों को केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों/विभागों और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भी चलाया जा रहा है। मंत्रालय अपने द्वारा निपटाए जा रहे क्षेत्रों के लिए कार्य योजनाएं, कार्यक्रम, योजनाएं और नीतियां तैयार करते हैं, जबकि निवेश आकर्षित करने के लिए राज्यों की अपनी योजनाएं भी हैं।
स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जो सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है।