मुंबई, 2 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, इस्लाम की पूजा सिर्फ भारत में सुरक्षित तरीके से चलती है। कुछ धर्म भारत के बाहर के थे, बाहर वाले तो चले गए। अब उसमें सुधार करना हमारी जिम्मेदारी है। वे गुरुवार को नागपुर के संघ शिक्षा वर्ग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने आगे कहा कि पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ, यह स्पेन से मंगोलिया तक छा गया। धीरे-धीरे वहां के लोग जागे। उन्होंने आक्रमणकारियों को हराया, तो अपने कार्य क्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया। विदेशी वहां से चले गए, लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है, यहीं (भारत में) सुरक्षित चलती है। भागवत ने कहा, कितने दिन, कितने शतकों से हम सभी धर्मों के साथ जी रहे हैं। इस बात को न पहचानते हुए अगर हम अपने बीच के फर्क को बनाए रखने वाली नीति से चलेंगे, तो कैसे होगा। सारी दुनिया में जिसको सिर रखने की जगह नहीं मिली उनको भारत ने जगह दी। भागवत ने कहा कि हिंदी स्वराज को ही हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं। 75 साल की स्वतंत्रता को देखकर हमारे अंदर उत्साह जगा है। हिंदू राष्ट्र का संकल्प दोहराते हुए भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक ही है।
भागवत ने यह भी कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए हर किसी को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर बुरी नजर दिखाने वाले दुश्मनों को ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में ही लड़ रहे हैं। देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहूलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि हम भूल रहे हैं कि हम एक देश हैं। कुछ धर्म भारत के बाहर के थे और हमारे उनके साथ युद्ध हुए थे, लेकिन बाहर वाले तो चले गए, अब तो सब भीतर हैं। फिर भी वे लोग बाहरी लोगो के प्रभाव में हैं। हमें समझना होगा कि वे हमारे लोग हैं। अगर उनकी सोच में कोई कमी है तो उसमें सुधार हमारी जिम्मेदारी है। यह समझदारी पक्की करनी होती है कि हम अलग दिखते हैं इसलिए अलग हैं इस विचारधारा से देश नहीं टूटता। ये भूलकर कि हमारी पूजाएं अलग-अलग हैं, फिर भी हम समाज के नाते इस देश के हैं। हमारे पूर्वज इस देश के हैं इसे हम क्यों नहीं स्वीकार कर पाते। हमारी विविधता अलगाव का कारण बनती ही नहीं है। हमारे देश में प्राचीन समय से सबको साथ लेकर चलने वाली संस्कृति विद्यमान है।