चंडीगढ़, 2 जुलाई साल 2022 में होनेवाले पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब के निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कॉंग्रेस पार्टी के एक और नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पंजाब में काँग्रेस का चेहरा बनने की लड़ाई तेज होती जा रही है। दोनों नेता अपने-अपने स्तर पर शक्ति प्रदर्शन का प्रयास कर रहे हैं। कल जहां चंडीगढ़ में कैप्टन अमरिंदेर सिंह ने पंजाब के काँग्रेस नेताओं के साथ बैठक की तो नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी से मुलाकात। इसी कड़ी में आज नवजोत सिंह सिद्धू ने आज ट्वीट करके पंजाब की जनता की एक बड़ी समस्या पावर कट और महंगी बिजली के समस्या के समाधान का फार्मूला बताने का प्रयास किया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा, “बिजली की लागत, कटौती, बिजली खरीद समझौतों की सच्चाई और पंजाब के लोगों को मुफ्त और 24 घंटे बिजली कैसे दें: यदि हम सही दिशा में कार्य करते हैं तो पंजाब में बिजली कटौती की कोई आवश्यकता नहीं है या मुख्यमंत्री के कार्यालय के समय या एसी के उपयोग को विनियमित करने की आवश्यकता भी नहीं है।
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, “बिजली खरीद लागत - पंजाब बिजली की औसत लागत से ज्यादा मूल्य पर बिजली खरीद रहा है। बिजली की कीमत का राष्ट्रीय औसत 3.85 प्रति यूनिट है, जबकि चंडीगढ़ 4.54 रुपए का भुगतान कर रहा है। पंजाब की बिजली समस्या का एक बड़ा कारण निजी ताप संयंत्रों पर पंजाब की अति-निर्भरता है। इसके कारण वह 5 से 8 रुपए प्रति यूनिट से बिजली खरीद रहा है, जोकि अन्य राज्यों से ज्यादा कीमत है।
सिद्धू ने आगे कहा, “बिजली खरीद समझौते (पीपीए) - बादल सरकार ने पंजाब में 3 निजी ताप विद्युत संयंत्रों के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर किए। 2020 तक, पंजाब पहले ही इन समझौतों में दोषपूर्ण धाराओं के कारण 5400 करोड़ का भुगतान कर चुका है और 65,000 करोड़ पंजाब पीपुल्स मनी को फिक्स चार्ज के रूप में भुगतान करने की उम्मीद है। पंजाब नेशनल ग्रिड से बहुत सस्ती दरों पर बिजली खरीद सकता है, लेकिन इन बादल-हस्ताक्षरित पीपीए पंजाब के जनहित के खिलाफ काम कर रहे हैं। माननीय न्यायालयों से कानूनी संरक्षण होने के कारण पंजाब इन पीपीए पर फिर से बातचीत करने में सक्षम नहीं हो सकता है, लेकिन आगे एक रास्ता है।
सस्ते बिजली के फॉर्मूले पर बोलते हुए सिद्धू ने आगे कहा, “पंजाब विधानसभा किसी भी समय नेशनल पावर एक्सचेंज पर उपलब्ध कीमतों पर बिजली खरीद लागत कैप करने के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से नया कानून ला सकती है। इस प्रकार, कानून में संशोधन करके, लोगों को बचाने के लिए ये समझौते शून्य और शून्य हो जाएंगे। पंजाब का प्रति यूनिट खपत का राजस्व भारत में सबसे कम है, जो पूरी बिजली खरीद और आपूर्ति प्रणाली के सकल कुप्रबंधन के कारण है। पीएसपीसीएल रुपए का भुगतान करता है। राज्य से 9000 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी प्राप्त करने के बाद भी आपूर्ति की गई प्रत्येक इकाई पर 0.18 रुपए प्रति यूनिट अतिरिक्त व्यव करती है।
ज्ञात हो कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने इन ट्वीट्स में न सिर्फ पंजाब की जनता की एक बड़ी समस्या के समाधान बताने का प्रयास किया है, बल्कि कई बार अमरिंदर सिंह का उल्लेख कर के उनपर सीधा निशाना भी साधा है। विदित हो कि ऐसी घटनाएं बहुत ही कम देखने को मिलती है जब मुख्यमंत्री पद की दावेदारी प्राप्त करने के लिए ए ही दल के नेता खुलेआम मोर्चा संभाले हुए हो। अटकलें तो यह भी लगाई जा रही है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब काँग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।