मुंबई, 21 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मंगलुरु में रविवार को हुए ऑटो ब्लास्ट का आरोपी मोहम्मद शरीक उसी ऑटो में पैसेंजर बनकर बैठा था। उसके पास प्रेशर कुकर में IED था, जिसमें विस्फोट हुआ। इस मामले में कर्नाटक हेल्थ मिनिस्टर के सुधाकर ने बताया है कि वह ऑटो में हिंदू होने का दिखावा कर रहा था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। इसके लिए वह एक आधार कार्ड भी दिखा रहा था, जिस पर हिंदू नाम था। यह कार्ड उसने एक रेलवे कर्मचारी से चुराया था, जिसे पुलिस ने लौटा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हर एंगल की पड़ताल की जा रही है। हम यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या मोहम्मद शरीक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों, बैन किए गए संगठनों या स्लीपर सेल से जुड़ा हुआ है। हमारा राज्य केरल से लगा हुआ है, इसलिए स्लीपर सेल से जुड़े होने की आशंका बढ़ जाती है।
के सुधाकर ने आगे कहा कि कुछ महीने पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था। तब भी आतंकियों ने मंदिर के पास ब्लास्ट करने की साजिश की थी। मोहम्मद शरीक ने तब कोयंबटूर जाकर एक शख्स से मुलाकात की थी। पुलिस ने उसके दो महीने का मूवमेंट ट्रेस किया है। तो वही बीते दिनों पुलिस के एडिशनल जनरल (लॉ एंड ऑर्डर) आलोक कुमार ने बताया था कि शरीक अंतरराष्ट्रीय लेवल पर एक्टिव एक आतंकी संगठन से प्रेरित था। 24 साल का मोहम्मद शरीक शिवमोगा जिले के तीर्थनहल्ली का रहने वाला था। उसने मैसूर के पास एक कमरा किराए पर लिया था, जहां से रविवार को पुलिस ने बम बनाने का सामान और कई फर्जी ID बरामद किए। साथ ही पुलिस ने बताया कि शरीक ने कोयंबटूर से एक सिम कार्ड खरीदा था, जो उसके नाम पर नहीं था। इस सिम कार्ड के टावर की लोकेशन से पता चला कि वह पूरे तमिलनाडु में घूमा था। उसके कॉल लॉग की जांच कर तमिलनाडु में उसके साथियों का पता चलाने की कोशिश की जा रही है।