मलकानगिरी (ओडिशा), 27 मई| ओडिशा के मलकानगिरी में हुए नाव हादसे में 2 और शव मिलने के साथ सर्च अभियान को रोक दिया गया है। अंतिम 2 शवों के मिलने के साथ लापता और मृत लोगों की संख्या 8 पहुंच गई, जिससे खोज अभियान समाप्त हो गया। ज्ञात हो कि आज से तीन दिन पूर्व 24 मई को यह हादसा हुआ था। तब से स्थानीय प्रशासन द्वारा फायर ब्रिगेड की सहायता से सर्च अभियान जारी था। चित्रकोंडा के तहसीलदार टी पद्मनाभ डोरा ने यह संभावना जताई है कि यह घटना रैपिड एंटीजन टेस्ट से बचने के प्रयास में हुई।
विदित हो कि ओडिशा के मलकानगिरी जिले के चित्रकोंडा क्षेत्र जोकि आंध्र-ओडिशा राज्यों की सीमा भी है, पर सिलेरू नदी में सोमवार 24 मई के देर शाम दो नावें पलट गई थी, जिनमें सवार 11 लोगों में से 3 लोग तैर कर बाहर निकल आए थे, जबकि 1 बच्चे की डूबने से तत्काल ही मौत हो गई थी, और बाकी सात लोग तबसे लापता थें। वे सातों लापता लोग प्रवासी मजदूर थे।
ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए दोनों राज्यों की सीमाओं को सील कर दिया गया है और राज्य में घुसना से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट करना अनिवार्य रखा गया है। इसलिए ओडिशा के 19 प्रवासी मजदूरों को अवैध रूप से पहुचाने के लिए दो नावों में सवार होकर 30 लोग नदी के रास्ते आये और जब वे 11 लोग 19 मजदूरों को सुरक्षित पहुंचा कर वापस जा रहे थे, तभी एक नाव पलट गई और बचने के प्रयास में जब उन्होंने दूसरी नाव का रुख किया तो वह भी तिरछी होकर पलट गई, जिससे 11 लोग नदी में डूबने लगें। तत्काल में तीन लोग तैर कर निकल गए और एक बच्चे की उसी समय मौत हो गई। बाकी सात लोग तब से लापता थे। प्रशासन के तमाम प्रयास के बाद भी जिन्हें जीवित नही बचाया जा सका।
सभी शव बरामद होने के साथ सर्च अभियान पर विराम लगा दिया गया। इस बचाव अभियान की निगरानी मलकानगिरी कलेक्टर डॉ येदुला विजय ने की।