नागपुर, 26 मई| बाघों की बढ़ती संख्या के साथ ही महाराष्ट्र के जंगलों में बाघों और इंसानों के बीच संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है। आज बुधवार की सुबह चंद्रपुर के जंगलों में एक 42 वर्षीय व्यक्ति की हत्या बाघ ने कर दी। हाल-फिलहाल में यह आम बात नहीं रह गई है, बल्कि बाघ और अन्य जानवरों के हमलों में कई लोग घायल हुए हैं, वहीं कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है।
आज सुबह हुए बाघ हमले के बारे में चंद्रपुर के एक वन अधिकारी ने भी सहमति जताई है। अधिकारी के अनुसार घटना सुबह करीब आठ बजे हुई जब वह 42 वर्षीय व्यक्ति ब्रह्मपुरी वन क्षेत्र के वंद्रा बीट में तेंदूपत्ता लेने गया था। तभी बाघ हमले में उसकी जान चली गई।
ज्ञात हो कि तडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व चंद्रपुर जिले में स्थित है। पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष की कई सारी घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई लोगों की मौतें भी हुई। आज से तीन दिन पहले ही 23 मई रविवार को चंद्रपुर के मूल वन रेंज के मरोदी बीट में बाघ के हमले में 68 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
इससे पूर्व 19 मई को एक ही दिन में चंद्रपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में हुए बाघ हमलों में 3 लोगों की जान चली गई थी। उसी दिन साओली वन रेंज में भी एक फॉरेस्ट गार्ड पर एक बिल्ली ने हमला किया था। उससे पहले पिछले महीने भी ब्रह्मपुरी संभाग के सिन्देवाही वन परिक्षेत्र में बाघ के हमले में एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गयी थी।
विदित हो कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसी सोमवार को वन विभाग की समीक्षा बैठक में बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके आवास क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए ताडोबा-अंधारी टाईगर रिजर्व का एरिया बढाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए उस क्षेत्र में आने वाले गांवों के पुनर्वास लिए प्रस्ताव रखा गया । उम्मीद है कि जल्द ही इस बारे में कार्य जमीनी स्तर पर हो और इस पशु-इंसानों के संघर्ष पर विराम लगे।