अब घर-घर जाकर होगा वैक्सीनेशन,महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला

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Posted On:Wednesday, June 30, 2021

महाराष्ट्र,30 जून

 
अब महाराष्ट्र राज्य में घर-घर वैक्सीनेशन की शुरुआत होने जा रही है. महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए ठाकरे सरकार केंद्र पर निर्भर नहीं रहेगी. प्रायोगिक तौर पर यह प्रयोग पहले पुणे से शुरुआत की  जाएगी. घर-घर वैक्सीनेशन से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह जानकारी बॉम्बे हाईकोर्ट  को दी. 
 
बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और ऐसे लोग जो किसी वजह से घर से बाहर जाने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए घर में ही वैक्सीन की सुविधा देने की मांग इस याचिका में की गई थी.इस याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने सुनवाई की.
 
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि वह अपनी नीति बुधवार (30 जून) को स्पष्ट करे. इसके बाद राज्य सरकार ने आज कोर्ट में यह स्पष्ट किया कि वह अब केंद्र की मंजूरी का इंतज़ार नहीं करेगी. केंद्र की मंजूरी के बिना ही घर-घर वैक्सीनेशन की शुरुआत करेगी. राज्य सरकार पहले प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत पुणे जिले से करेगी. विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए तुरंत वैक्सीनेशन की मुहिम राज्य सरकार ने चलाई थी, उस मुहिम के अनुभव का फायदा उठाते हुए यह नई मुहिम शुरू की जाएगी. 
 
 वैक्सीनेशन की शुरुआत पुणे से ही क्यों किया जा रहा है ? इसका जवाब देते हुए राज्य सरकार ने बताया कि पुणे के विद्यार्थियों के वैक्सीनेशन के अनुभव और पुणे जिले के आकार को देखते हुए निर्णय लिया गया है. पुणे जिला ना बहुत छोटा है और ना ही बहुत बड़ा है, इस लिहाज से पुणे इस मामले में प्रयोग के लिए सही जिला ठहरता है.
 
इस बीच कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी सलाह दी कि वह डॉक्टर द्वारा प्रेसक्राइब किए जाने की शर्तें ना लगाए. कोई इसके लिए तैयार नहीं होगा. याद दिला दें कि इससे पहले जब घर-घर वैक्सीन दिए जाने की बात कही गई थी तो स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि उन्हीं लोगों को घर जाकर वैक्सीन दी जाएगी, जिनके बारे में डॉक्टर यह सर्टिफिकेट देंगे कि संबंधित व्यक्त निकलने में सक्षम नहीं है.
 
घर-घर वैक्सीनेशन को शुरू करने के लिए राज्य को केंद्र सरकार की मंजूरी की ज़रूरत क्यों है ? क्या राज्य सरकार हर काम केंद्र से पूछ कर करती है ? केरल, बिहार और झारखंड सरकार ने अनुमति ली थी क्या ? यह प्रश्न मुंबई उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा था. मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने राज्य सरकार के टालमटोल रवैये पर नाराजगी जताई थी.
 
जिन्हें वैक्सीन चाहिए उनके परिवार को ई-मेल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. राज्य सरकार यह ई-मेल आईडी जल्दी जारी करेगी.
 


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