मुंबई, 23 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे विश्व गुरु बनने की बात करते हैं, जबकि दुनिया में ईरान और इजराइल के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। खड़गे ने कहा कि भारत को इस संघर्ष को रोकने के प्रयास करने चाहिए थे, लेकिन सरकार तमाशबीन बनी रही। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चाहे विश्व गुरु हों या घर के गुरु, जनता को पेट्रोल, डीजल, भोजन, वस्त्र और छत चाहिए। हमें उम्मीद थी कि मोदी इन बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देंगे, लेकिन वे सिर्फ नारेबाजी में व्यस्त हैं। खड़गे ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि ईरान भारत का पुराना मित्र है और भारत अपनी ईंधन जरूरतों का 50 प्रतिशत हिस्सा ईरान से आयात करता रहा है।
कर्नाटक के रायचूर में सोमवार को आयोजित जनसभा में खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी हमेशा विपक्ष को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठकों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन बैठकों में प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी से स्पष्ट होता है कि उन्हें विपक्ष के प्रति कोई सम्मान नहीं है। खड़गे ने बताया कि पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया। इस दौरान पूरा देश सेना के साथ खड़ा था, लेकिन कुछ लोग इस गंभीर समय में भी राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ में लगे थे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री सेना में कैप्टन, कर्नल या लेफ्टिनेंट कर्नल होते, तो उनके देश के लिए किए गए कार्यों की तारीफ की जाती। लेकिन हकीकत यह है कि जब देश और सेना जंग जैसी स्थिति का सामना कर रहे थे, तब प्रधानमंत्री बिहार में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर भी प्रधानमंत्री ने उसमें खुद को शामिल नहीं किया और प्रचार को प्राथमिकता दी, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
इससे पहले खड़गे ने मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल पर सवाल उठाए थे। 9 जून को उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन 11 वर्षों में 33 गंभीर गलतियां की हैं। खड़गे ने कहा कि वह 65 वर्षों से राजनीति में हैं, लेकिन मोदी जैसा झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री उन्होंने कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि यह सरकार झूठ बोलती है, गलतियां करती है और युवाओं व गरीबों को सिर्फ वोट के लिए गुमराह करती है। जब इनसे सवाल पूछे जाते हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता और न ही अपनी गलतियों को स्वीकार किया जाता है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने 9 जून 2024 को प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ली थी। इसके साथ ही मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत और अब तक के 11 वर्षों के कार्यकाल की पहली वर्षगांठ मनाई।