रांची, 26 जून भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब मध्यम पड़ने लगी है। मगर डेल्टा वेरिएंट के आगमन के साथ कोरोना की तीसरी लहर के आने का खतरा भी उत्पन्न हो रहा है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे बहुत ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इन्हीं संभावनाओं के आधार पर अपनी तैयारियों में झारखंड सरकार ने कोरोना से प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए अलग से वार्ड तैयार कर रहा है। इसके तहत रांची जिला अस्पताल में कोविड से संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए एक अलग वार्ड स्थापित भी हो चुका है।
झारखंड सरकार के एक अधिकारी ने इस बारे में बात करते हुए कहा, "इस उम्मीद में कि तीसरी लहर के दौरान बच्चे असमान रूप से प्रभावित हो सकते हैं, हम 20 बिस्तरों वाले बाल चिकित्सा आईसीयू वार्ड और उच्च निर्भरता इकाई स्थापित कर रहे हैं।"
ज्ञात हो कि बच्चों के लिए अलग से कोविड19 वार्ड की तैयारियों में वार्ड को अस्पतालों के अन्य वार्ड से अलग रूप देने का प्रयास किया गया है। बच्चों के लिए अलग तरह के बेड्स बनाने के साथ पूरे वार्ड की साज-सज्ज पर बहुत ध्यान दिया गया है, ताकि बच्चों को अस्पताल वाला महौल महसूस न हो। वार्ड के साज-सज्जा के तहत पूरे वार्ड और उसके आस पास में प्ले स्कूल के भांति रंग-रोधन किया गया है। वार्ड की दीवारों पर फूल-पत्तियों, पेड़-पौधे, तिरंगा और बहुत से प्रेरक चरित्रों की पेंटिंग की गई है।
झारखंड सरकार का यह अनुपम प्रयोग काफी प्रेरणादायक है। झारखंड सरकार ऐसे ही और वार्ड की स्थापना राज्य के अन्य जिलों में भी करेगी। झारखंड सरकार के इस प्रयोग से प्रेरित होकर अन्य राज्य भी बच्चों के लिए भिन्न वार्ड की स्थापना करेंगे, ऐसी उम्मीद है।
ज्ञात हो कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों पर कोविड19 वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। अगर सब कुछ समय पर सफलतापूर्वक हुआ तो कोरोना के तीसरे लहर से पूर्व सभी बच्चों का कोविड19 का टीकाकरण सम्पन्न हो चुका रहेगा। वैसी स्थिति में बच्चे इस आपदा का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे। भविष्य में चाहे जो भी हो झारखंड सरकार का बच्चों के लिए अलग कोविड वार्ड बनाने वाला यह प्रयोग बहुत ही सराहनीय कदम है।