जयपुर, 23 जून राजस्थान में आज राजनीतिक सरगर्मियां एकाएक तेज हो गई, जब राजस्थान के निर्दलीय विधायकों ने जयपुर के एक होटल में मीटिंग की। इस मीटिंग में राजस्थान के 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 विधायकों ने हिस्सा लिया। एकाएक हुई इस बैठक के कारण राजनीतिक उथल-पुथल की अटकलें बनने लगी थी।
जयपुर के एक होटल में हुई निर्दलीय विधायकों की इस बैठक में 12 विधायकों ( संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा, रमीला खड़िया, सुरेश टांक, खुशवीर सिंह, महादेव सिंह खंडेला, ओम प्रकाश हुडला, रामकुमार गौर, कांति चंद मीणा, लक्ष्मण मीणा, आलोक बेनीवाल और बाबूलाल नागर ) ने भाग लिया। 13वें विधायक ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
निर्दलीय विधायकों के बैठक से उत्पन्न हो रहे अटकलों पर विराम लगाने के प्रयास में बैठक में भाग लिए विधायकों की तरफ से बोलते हुए विधायक संयम लोढ़ा ने कहा, “निर्दलीय विधायकों की यह बैठक सरकार से ग्राम सेवकों और पटवारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन में सुधार करने और अनुबंध श्रमिकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करती है। यह सीएम गहलोत को COVID से निपटने के लिए बधाई देता है और उनके नेतृत्व में अपना विश्वास दोहराता है।”
उन्होंने आगे सभी किन्तु-परंतु पर विराम लगाते हुए कहा कि कैबिनेट का विस्तार कब और किसे शामिल किया जाए, यह तय करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। यह राज्य के लोगों के हित में नहीं है कि वे दबाव बनाएं और कैबिनेट विस्तार के लिए समय सीमा की मांग करें।
ज्ञात हो कि राजस्थान विधानसभा में कॉंग्रेस पार्टी की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है। वैसे तो अशोक गहलोत की सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार है, मगर सचिन पायलट के विरोधी रुख के कारण वहां सत्ता परिवर्तन की आशंकाएं हमेशा बनी रहती है। इसलिए इन 12 निर्दलीय विधायकों की बैठक को भी उसी समीकरण से जोड़ कर देखा जाने लगा था, जिसे विधायकों ने फिलहाल विराम लगा दिया है।