नई दिल्ली, 22 अप्रैल। इंडोनेशिया में प्रशिक्षण अभियान के दौरान बुधवार को बाली द्वीप के नजदीक समुद्र में 53 लोगों के साथ डूबी पनडुब्बी केआरआई नंगला को खोजने में भारतीय नौसेना मदद करेगी। इंडोनेशियाई नौसेना का सहयोग करने के लिए गुरुवार को भारतीय नौसेना ने अपने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हिकल (डीएसआरवी) को विशाखापत्तनम से तत्काल रवाना कर दिया है।
उन्होंने बताया कि इंडोनेशियाई नौसेना का सहयोग करने के लिए विशाखापत्तनम से भेजे गए डीएसआरवी का उपयोग पनडुब्बी को आपातकालीन आपूर्ति प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है। प्रवक्ता के अनुसार इंडोनेशिया भेजी गई भारतीय डीएसआरवी प्रौद्योगिकी और क्षमताओं के मामले में नवीनतम है। लन्दन की कंपनी मेसर्स जेम्स फिश डिफेंस द्वारा आपूर्ति की गई यह प्रणाली भारत के पश्चिम और पूर्वी तट पर किसी भी संकट से निपटने, उच्च परिचालन उपलब्धता और शुरुआती प्रतिक्रिया देने के लिए बनाई गई है। भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के ढांचे के तहत परिचालन सहयोग की मजबूत साझेदारी है। दोनों नौसेनाओं ने अतीत में नियमित रूप से अभ्यास किया है और तालमेल एवं अंतर विकसित किया है जो मौजूदा मिशन के लिए महत्वपूर्ण है।
इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों के कमांडर हादी जाहजंतो के मुताबिक बाली द्वीप के करीब उत्र में करीब 95 किलोमीटर दूर समुद्र में उनकी पनडुब्बी केआरआई नंगला लापता हो गई है, जिसमें 53 लोग सवार थे। दुर्घटना के समय यह पनडुब्बी गुरुवार को होने वाले प्रक्षेपास्त्र दागने के एक अभ्यास के लिए तैयारी कर रही थी। इस अभ्यास में सेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल होने वाले थे। हादी जाहजंतो इंडोनेशियाई वायु सेना में एक एयर चीफ मार्शल हैं जो वर्तमान में इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों के कमांडर हैं।
उन्होंने भारत से मदद मांगते हुए यह भी जानकारी दी कि इंडोनेशियाई नौसेना ने पनडुब्बी की तलाश के लिए इलाके में जंगी पोत तैनात किए हैं। खोज और राहत के लिए सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से भी मदद गई मांगी है जिनके पास पनडुब्बी सहायता वाहन हैं। समुद्र में डूबी यह पनडुब्बी जर्मनी में बनी थी और 1980 के दशक से नौसेना की सेवा में है। इंडोनेशिया की नौसेना के बेड़े में अभी कुल पांच पनडुब्बियां हैं और 2024 तक इनकी संख्या बढ़ाकर आठ करने की योजना है।