बेंगलुरु, 15 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) हिजाब विवाद पर आज अपना अंतिम फैसला (Hijab Verdict) सुनते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट (karanatka HC) ने शिक्षण संस्थानों को अपना ड्रेस कोड लागू करने की छूट प्रदान की है। कोर्ट ने हिजाब मुस्लिम धर्म का जरूरी हिस्सा भी नहीं माना है। कर्नाटक हाई कोर्ट (karanatka HC) के आज के फैसले के बाद जहां दो महीने से चल रहा हिजाब विवाद समाप्त हो जाना चाहिए, वहीं यह बढ़ता दिखाई दे रहा है। कर्नाटक हाई कोर्ट (karanatka HC) के फैसले के बाद कर्नाटक और देश के पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच इस मामले में बहस छिड़ गई है।
ज्ञात हो कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कर्नाटक के महाधिवक्ता ने प्रभुलिंग नवदगी ने कर्नाटक हाई कोर्ट (karanatka HC) के आज के फैसले के बारे में कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालयों ने हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखा। व्यक्तिगत पसंद पर संस्थागत अनुशासन प्रबल होता है। निर्णय संविधान के अनुच्छेद 25 की व्याख्या में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है। कर्नाटक उच्च न्यायालयों ने हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखा | यह सबरीमाला (मामले) में एससी द्वारा आयोजित कानून की स्थिति को यह कहकर पुनर्स्थापित करता है कि जो अनिवार्य रूप से धार्मिक है वह पर्याप्त नहीं है लेकिन जो दिखाया जाना आवश्यक है वह धर्म के लिए आवश्यक है।
इस फैसले (Hijab Verdict) पर अपना मत रखते हुए कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि बच्चों के लाभ के लिए सभी को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। यह हमारे बच्चों के भाग्य और शिक्षा का सवाल है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या (tejasvi surya on hijab) ने इस फैसले (Hijab Verdict) पर कहा कि मैं कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं; यह विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय से संबंधित छात्राओं के शैक्षिक अवसरों और अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। समाज का एक वर्ग मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा और आधुनिकता से वंचित करने की कोशिश कर रहा था। अपील में जाना लोगों का अधिकार है और वे ऐसा कर सकते हैं, हालांकि, सभी पक्षों के लिए अदालत के आदेश का पालन करना आवश्यक है।
वहीं इस हिजाब विवाद (hijab controversy) में विवादों के साथ नाम जुड़े होने वाले कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने इस फैसले (Hijab Verdict) पर कहा कि मैं हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। राज्य के मुस्लिम छात्रों को लंबे समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ा। किसी ने उन्हें गुमराह किया था इसलिए यह मुद्दा था। सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए, इसलिए सभी को आदेश मानना चाहिए।
कर्नाटक कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने इस फैसले (Hizab Verdict) पर कहा कि इस्लाम प्रथा को संविधान द्वारा स्वीकार किया गया है; पता नहीं कोर्ट ने यह फैसला कैसे सुनाया है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे। शिक्षा भी बहुत छोटा है। सरकार को सभी छात्राओं को सुरक्षा देनी चाहिए। याचिकाएं खारिज कर दी गईं।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इस फैसले (Hizab Verdict) पर अपना मत रखते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सरकार के रुख को बरकरार रखा है। मैं अदालत में गई लड़कियों से अनुरोध करता हूं कि वे फैसले का पालन करें, शिक्षा किसी भी अन्य चीजों से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हिजाब विवाद (hijab controversy) पर कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka HC) के आज के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। मेरी सभी से अपील है कि राज्य और देश को आगे बढ़ना है, सभी को कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को मानकर शांति बनाए रखनी है। छात्रों का मूल कार्य अध्ययन करना है। इसलिए इन सब को छोड़कर उन्हें पढ़ना चाहिए और एक होना चाहिए।