केरल, 9 जुलाई
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पुष्टि की है कि राज्य पर अब जीका वायरस के संक्रमण की मार पड़ गई है। परसाला की एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला को सबसे पहले केरल में जीका वायरस के संक्रमण का पता चला था। महिला को बुखार, सिरदर्द और त्वचा पर लाल निशान का अनुभव हुआ था,जिसके बाद वह मेडिकल हेल्प लेने पहुंची। महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है और उसने 7 जून को अपने बच्चे को जन्म दिया।
पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को वायरस के टेस्ट के लिए 19 सैंपल भेजे गए हैं और कहा जा रहा है कि इन भेजे गए सैंपलों में से 13 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।सभी 13 संदिग्ध मामले केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के हैं। इस बीच, पूरे केरल के जिलों को अलर्ट कर दिया गया है।
जीका वायरस आमतौर पर संक्रमित मच्छरों से फैलता है और यह एक यौन संचारित रोग भी है। एडीज प्रजाति के ये मच्छर दिन और रात में भी काटते हैं। जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके बच्चे में फैल सकता है। इसके परिणामस्वरूप गुलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain–Barré syndrome) भी हो सकता है। जीका वायरस के कारण होने वाली बीमारी में अक्सर या तो कोई लक्षण नहीं होते या केवल हल्के लक्षण होते हैं जो डेंगू बुखार के हल्के रूप के समान होते हैं। इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, न ही वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोई स्वीकृत टीका है।