नई दिल्ली, 30 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोविड की विकट स्थिति से निपटने के लिए सरकार एकजुट होकर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने मंत्रियों से अपने संबंधित क्षेत्रों के लोगों के साथ संपर्क में रहने, उनकी मदद करने और उनसे प्रतिक्रिया लेने को कहा। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि स्थानीय स्तर पर मुद्दों की तुरंत पहचान की जाए और उन्हें संबोधित किया जाए।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिपरिषद ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के बारे में चर्चा के लिए बैठक की। इसे सदी में एक बार आने वाला राष्ट्रीय संकट मनाते हुए टीम इंडिया बनकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया। परिषद ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ जनता की ओर से पिछले 14 महीनों में किए गए सभी प्रयासों की भी समीक्षा की।
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के साथ तालमेल बिठाने, अस्पताल के बेड, पीएसए ऑक्सीजन की सुविधा, ऑक्सीजन के उत्पादन, भंडारण और परिवहन संबंधित मुद्दों को हल करने, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता से संबंधित मामलों से निपटने के प्रयासों के बारे में बताया गया। आवश्यक समाग्री की आपूर्ति और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी गई।
साथ ही बताया गया कि कमजोर आबादी को सहायता उपायों के रूप में खाद्यान्न-अनाज के प्रावधान और जन-धन खाता धारकों को वित्तीय सहायता दी जा रही है।
वैक्सीन के विषय में बताया गया कि अबतक 15 करोड़ टीके लगाए गए हैं। दो वैक्सीन का उत्पादन बड़े स्तर पर हो रहा है और अन्य वैक्सीन विभिन्न चरणों में मंजूरी और कार्यक्रम में शामिल किए जाने के लिए तैयार हैं।
मंत्रियों ने कोविड में उचित व्यवहार के महत्व को रेखांकित किया और साथ ही जन भागीदारी को जरूरी बताया। सबने माना कि देश वायरस को पराचित करने में कामयाब होगा।
बैठक में मंत्रियों के अलावा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, नीति आयोग में स्वास्थ्य क्षेत्र से सदस्य डॉ वीके पॉल ने भाग लिया, जिन्होंने कोविड के बारे में एक प्रस्तुति भी दी।