मुंबई, 22 जून
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह शिवसेना नेता संजय राउत के इशारे पर एक महिला द्वारा कुछ पुरुषों द्वारा उत्पीड़न के आरोपों की जांच करे और 24 जून को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपे।
उच्च न्यायालय में जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ 36 वर्षीय महिला द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ पुरुष राज्यसभा के सदस्य और शिवसेना नेता संजय राउत के इशारे पर उसका और उसके पति का पीछा कर रहे हैं व उन्हें परेशान कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि महिला ने तीन शिकायतें दर्ज कराई थीं लेकिन इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पेशे से मनोवैज्ञानिक महिला की ओर से वकील आभा सिंह ने कहा कि पिछले फरवरी में याचिका दायर होने के बाद फर्जी पीएचडी डिग्री हासिल करने के आरोप में महिला को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा, "याचिकाकर्ता महिला अब 10 दिनों से जेल में है। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद अब पूरी पुलिस मशीनरी उस महिला पर उतर गई है यह पूर्ण प्रतिशोध और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई है।"
पीठ ने महिला की वकील को गैर-संज्ञेय मामले में उसकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक अलग याचिका दायर करने को कहा। आदेश में अदालत ने कहा की, 'हम पुलिस आयुक्त को याचिका में उठाई गई शिकायतों को देखने और उचित उपाय करने का निर्देश देते हैं। पुलिस आयुक्त हमें जवाब देंगे और 24 जून को अदालत में एक रिपोर्ट सौंपेंगे।