मुंबई, 22 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। झारखंड के धनबाद में चिरकुंडा इलाके में भू-धंसान हादसे के 24 घंटे बाद प्रशासन और BCCL की ओर से मिट्टी भराव का काम शुरू किया गया है। इस दौरान मौके पर निरसा की स्थानीय विधायक अपर्णा सेन गुप्ता पहुंची और काम रोक दिया। उन्होंने काम में लगाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि पहले दुर्घटनास्थल के दूसरी तरफ से JCB लगाकर मिट्टी को हटाएं। उन्होंने आगे कहा कि जब यह पूरी तरह से सुनिश्चित हो जाए कि जमीन के अंदर कोई व्यक्ति नहीं फंसा है। इसके बाद ही मिट्टी भराव का काम किया जाए। अब दूसरी तरफ से मशीन लगाकर मिट्टी हटाने का काम किया जा रहा है। तो वही उपायुक्त संदीप सिंह जब दोपहर में घटना की जानकारी लेने के लिए मौके पर पहुंचे। तो उनके साथ निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता भी मौजूद रहीं। अपर्णा ने सिंह से शिकायत करते हुए कहा कि ईसीएल (ECL) की मिलीभगत से क्षेत्र में अवैध खनन का काम चल रहा है।
पूरा मामला -
दरअसल चिरकुंडा थाना क्षेत्र के डुमरीजोड़ में गुरुवार को BCCL की बंद माइंस में अवैध खनन के कारण लगभग 60 फीट कच्ची सड़क धंस गई। इससे 50 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका जताई गई। सभी लोग पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के रहने वाले हैं। घटना के करीब 10 घंटे बाद ऑपरेशन शुरू हुआ। रेस्क्यू के लिए 6-6 लोगों की दो टीमें बनाई गई थीं। करीब 45 मिनट के सर्च ऑपरेशन के बाद देर शाम रेस्क्यू टीम ने लोगों के फंसने की आशंका को खारिज कर दिया।
किसने क्या कहा -
अवैध खनन को लेकर उपायुक्त ने बीसीसीएल के जीएम ए.के दत्ता को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से जानकारी लेकर अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ स्थानीय थाने में नामजद मामला दर्ज किया जाए। सिंह ने एसडीपीओ (SDPO) निरसा पीतांबर सिंह खेरवार से पूरे मामले की जांच करने के लिए भी कहा गया है। उपायुक्त ने कहा कि अगर इसीएल और बीसीसीएल की लापरवाही नजर आएगी तो उन पर भी कारवाई की जाएगी। उधर, बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम ने धनबाद उपायुक्त से कहा कि किसी भी तरह की कोई केजुअल्टी नहीं हुई है।
उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि रेस्क्यू का काम कल ही करवा लिया गया था। बीसीसीएल (BCCL) की रेस्क्यू टीम और स्थानीय प्रशासन ने पूरा सर्वेक्षण किया, जिसके बाद अभी तक किसी के भी दबे होने की बात सामने नहीं आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी प्रयास जारी हैं, ताकि कोई कहीं फंसा है तो उसे खोज लिया जाए।
रेस्क्यू सुपरिटेंडेंट आरएल मुखोपाध्याय ने बताया था कि 6 लोगों की टीम ने लगभग 45 मिनट तक रेस्क्यू अभियान चलाया। जिस इलाके में लोगों के फंसे होने की आशंका थी, वहां टीम ने पूरी तरह सर्च किया। कहीं कोई नहीं मिला। अब जो इलाका बचा है, उसमें सिर्फ पानी है। ऐसे में संभावना है कि खदान के अंदर कोई नहीं फंसा है। इसकी रिपोर्ट बड़े अफसरों को दे दी गई है, आगे का निर्णय वह करेंगे।