नई दिल्ली, 26 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की ओर से की जा रही तैयारियों की सोमवार को समीक्षा बैठक की।
जनरल रावत ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि पिछले दो वर्षों में सेवानिवृत्त या समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को वापस बुलाकर ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है, जिन्हें उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट कोविड केंद्रों पर तैनात किया जायेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और सीडीएस जनरल रावत ने कोरोना से जंग में सैन्य बलों के ऑपरेशनों की समीक्षा की। देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते संक्रमितों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी को देखते हुए सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है।
सीडीएस रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी कि बीते दो वर्षों में सेवानिवृत्त या पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को वापस ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। सभी सेवानिवृत्त चिकित्साकर्मियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी सेवाएं चिकित्सा आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से परामर्श के लिए उपलब्ध कराएं। इन्हें सेना के कमांड मुख्यालय, कोर मुख्यालय, डिवीजन मुख्यालय और नौसेना व वायु सेना के अस्पतालों में नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा इन्हें मौजूदा निवास स्थान के नजदीक काम करने के लिए कोरोना चिकित्सा केंद्रों पर तैनात किये जाने की योजना है।
प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया गया कि इसके अलावा सैन्य अस्पतालों में बड़ी संख्या में नर्सिंग कर्मियों को नियुक्त किया जा रहा है। सशस्त्र बलों की ओर से ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करने के लिए खाली ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीडीएस जनरल रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि वे कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बड़ी संख्या में चिकित्सा सुविधाएं तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा आम नागरिकों के लिए सैन्य चिकित्सा सुविधाओं को खोला जाएगा।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और विदेशों में ऑक्सीजन एवं अन्य जरूरी वस्तुओं के परिवहन के लिए भारतीय वायुसेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशनों की भी समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय और राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के जरिये सुदूर क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।